झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नामांकन के बाद जमशेदपुर पश्चिम से निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने मीडिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन खासकर द मीडिया वाला एक्सप्रेस से बातचीत करने से साफ मना कर दिया। यह इनकार अचानक नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ दिनों पहले उठे गंभीर आरोप हैं।

मनोज सिंह के आरोप और द मीडिया वाला एक्सप्रेस की खबरें

चुनाव के पहले एक बड़ी घटना ने सरयू राय को विवादों में ला खड़ा किया। मनोज सिंह नामक व्यक्ति ने सरयू राय पर भ्रष्टाचार से संबंधित कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस विवाद ने सरयू राय की छवि को झटका दिया, और इन आरोपों को प्रमुखता से द मीडिया वाला एक्सप्रेस ने कवर किया। इन खबरों में भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुखता दी गई, जिससे सरयू राय और इस मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच तनावपूर्ण संबंध बन गए।

नामांकन के बाद संवाद से इनकार: राजनीतिक रणनीति या नाराजगी?

नामांकन के बाद जब द मीडिया वाला एक्सप्रेस के संपादक प्रियांशु झा ने उनसे सवाल करना चाहा, तो सरयू राय ने बातचीत से इनकार कर दिया। प्रियांशु झा ने राय से सीधे सवाल किया, लेकिन सरयू राय ने चुप्पी साधे रखी और तेजी से वहां से चले गए। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सरयू राय द मीडिया वाला एक्सप्रेस के रिपोर्टिंग के तरीके से नाराज हैं, या यह उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा है?

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा माहौल

मनोज सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद, यह स्वाभाविक है कि सरयू राय अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं। भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों का सामना करना किसी भी राजनेता के लिए कठिन होता है, खासकर चुनावी माहौल में। द मीडिया वाला एक्सप्रेस द्वारा इस खबर को प्रमुखता से दिखाने के बाद, राय की तरफ से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। शायद यह कारण हो सकता है कि उन्होंने इस मीडिया हाउस से दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया।

चुनावी भविष्य पर असर

सरयू राय का मीडिया से दूरी बनाना उनके चुनावी भविष्य के लिए चुनौती साबित हो सकता है। जमशेदपुर पश्चिम की जनता के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि सरयू राय ने आखिरकार द मीडिया वाला एक्सप्रेस से बातचीत क्यों नहीं की। जनता को यह सवाल भी परेशान कर रहा है कि क्या सरयू राय को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने में डर है, या फिर वे चुनावी माहौल में किसी नए विवाद से बचना चाह रहे हैं?

क्या सरयू राय चुनाव हारने के डर से मीडिया से बच रहे हैं?

सरयू राय का इस तरह से मीडिया से बचना कई सवाल खड़े कर रहा है। चुनावी मैदान में कड़ा मुकाबला होने के कारण उन्हें जनता और मीडिया के सवालों का जवाब देना बेहद जरूरी है। लेकिन जब वे विशेष रूप से द मीडिया वाला एक्सप्रेस से दूरी बना रहे हैं, तो यह उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

निष्कर्ष: क्या राजनीतिक जोखिम उठा रहे हैं सरयू राय?

सरयू राय द्वारा द मीडिया वाला एक्सप्रेस से बातचीत से इनकार करना एक राजनीतिक जोखिम भी हो सकता है। चुनावी माहौल में मीडिया के सवालों से बचने का मतलब जनता के बीच नकारात्मक संदेश भेजना हो सकता है। ऐसे में, सरयू राय के इस कदम से उन्हें चुनावी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में वे इन आरोपों और मीडिया से दूरी बनाने के फैसले पर क्या स्पष्टीकरण देते हैं।

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