रांची, 27 जनवरी 2025
झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सहकारिता क्षेत्र में राज्यहित को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया है। सोमवार को राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने सहकारी विकास योजनाओं को राज्य के संसाधनों और जनहित के अनुरूप तैयार करने का निर्देश दिया। बैठक में सहकारिता विभाग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और राज्य में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए।
सहकारिता बैंक के विस्तार पर जोर
मुख्य सचिव ने सहकारिता बैंक की शाखाओं के विस्तार पर विचार करते हुए सुझाव दिया कि बैंक को अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि ऐसी योजनाएं न अपनाई जाएं, जो बाद में राज्य के लिए वित्तीय बोझ बन जाएं।
लैम्पस-पैक्स का डिजिटलीकरण जारी
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के चयनित 1500 लैम्पस-पैक्स में से 1270 पहले ही कंप्यूटरीकृत होकर ऑनलाइन हो चुके हैं। शेष 230 समितियों का कंप्यूटरीकरण 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, राज्य के अन्य 2949 लैम्पस-पैक्स के कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। जिन समितियों का डिजिटलीकरण हो चुका है, उन्हें प्रज्ञा केंद्र के रूप में सेवा देने के लिए झारसेवा लॉगिन आईडी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
धान खरीद में प्रगति
बैठक के दौरान बताया गया कि राज्य में 724 धान अधिप्राप्ति केंद्रों के माध्यम से 25 जनवरी 2025 तक कुल 13 लाख क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। कार्य में तेजी लाने के लिए शेष 75 क्रय केंद्रों को जल्द से जल्द चालू करने के निर्देश दिए गए।
मत्स्य उत्पादन में उन्नति
राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 के 3 लाख टन मछली उत्पादन लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 2.57 लाख टन मछली का उत्पादन हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50 नई मत्स्य सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 33 समितियों का गठन किया जा चुका है।
सहकारिता क्षेत्र में नई योजनाएं
बैठक में सहकारी क्षेत्र के लिए कई नई योजनाओं पर चर्चा की गई, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं:
• सहकारी गोदामों का निर्माण और लैम्पस-पैक्स को कमरे उपलब्ध कराना।
• सहकारी समितियों को रसोई गैस डिस्ट्रीब्यूटरशिप और रिटेल पेट्रोल-डीजल आउटलेट खोलने की अनुमति।
• विभिन्न जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने की पहल।
• उर्वरक लाइसेंस और पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में लैम्पस-पैक्स का विकास।
• नवनिर्मित सहकारी प्रशिक्षण संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ कोआपरेटिव मैनेजमेंट के रूप में विकसित करना।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीक, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन, निबंधक सहयोग समितियां सूरज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सहकारिता क्षेत्र में राज्यहित प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने सहकारिता क्षेत्र की योजनाओं को राज्य के इको-सिस्टम के अनुकूल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि सहकारिता विकास की दिशा में उठाए गए कदम झारखंड के संसाधनों और जनता की जरूरतों के अनुसार होने चाहिए। यह बैठक झारखंड के सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने और आर्थिक विकास में सहकारिता की भूमिका को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।