झारखंड के साहिबगंज जिले में 2023 के चर्चित रुबिका पहाड़िन हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुस्तकीम अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र की बेंच ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसे गंभीर मामलों में राहत नहीं दी जा सकती। इससे पहले, निचली अदालत और झारखंड हाईकोर्ट ने भी मुस्तकीम अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, इस केस के तीन अन्य आरोपियों को झारखंड हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी।
रुबिका पहाड़िन की हत्या और शव के टुकड़े
17 दिसंबर 2023 को बोरियो प्रखंड के गोडा पहाड़ निवासी रुबिका पहाड़िन की नृशंस हत्या की गई थी। हत्या के बाद उसके शव को 20 टुकड़ों में काट दिया गया। साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव के अलग-अलग हिस्सों को विभिन्न स्थानों पर फेंक दिया गया। सबसे पहले बोरियो संथाली के एक आंगनबाड़ी केंद्र के पास मानव अंग मिलने से पुलिस को इस जघन्य अपराध की भनक लगी। इसके बाद जांच में तेजी आई और पास के एक बंद मकान से बोरी में बंद शव के कई कटे हिस्से बरामद किए गए।
पारिवारिक विवाद बना हत्या का कारण
पुलिस की जांच में सामने आया कि रुबिका की शादी बेल टोला निवासी दिलदार अंसारी से हुई थी। दिलदार पहले से ही शादीशुदा था, लेकिन उसने दूसरी शादी कर रुबिका को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस शादी से दिलदार के परिवार वाले बेहद नाराज थे, जिससे परिवार के भीतर तनाव पैदा हो गया। यही तनाव रुबिका की हत्या का मुख्य कारण बना।
मुख्य आरोपी और हत्या की साजिश
इस हत्याकांड में मुख्य भूमिका दिलदार के मामा मैनूल की पाई गई। पुलिस के अनुसार, रुबिका की हत्या के लिए 20 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। घटना के कुछ दिनों बाद मैनूल को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। बोरियो थाना के तत्कालीन प्रभारी जगन्नाथ पान के नेतृत्व में पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 11 को तुरंत हिरासत में लिया गया, जबकि दो को बाद में पकड़ा गया।
पुलिस की कार्रवाई और जाँच का दायरा
इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस ने व्यापक जांच शुरू की। घटना की कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस ने 18 शव के टुकड़े विभिन्न स्थानों से बरामद किए। इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों में रुबिका के पति दिलदार अंसारी, ससुर मुस्तकीम अंसारी, सास, देवर सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि हत्या की योजना और उसके क्रियान्वयन में परिवार के कई सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश
इस घटना ने साहिबगंज के स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया। रुबिका की हत्या के बाद से क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल है। लोगों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई और दोषियों को कठोर सजा की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला झारखंड के न्यायिक इतिहास में महत्वपूर्ण है। अदालत ने आरोपी मुस्तकीम अंसारी की याचिका खारिज करते हुए यह संदेश दिया कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
रुबिका पहाड़िन हत्याकांड ने झारखंड के समाज और पुलिस व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया। इस नृशंस हत्या ने यह सोचने पर मजबूर किया कि पितृसत्तात्मक सोच और परिवारिक विवाद किस हद तक इंसान को क्रूर बना सकते हैं। इस मामले में पुलिस की तत्परता और सुप्रीम कोर्ट के रुख से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है।
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