रांची की सड़कों पर कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोमवार को शहर के कटहल मोड़ पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर कुछ अराजक तत्वों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गया और उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पूरी घटना उस वक्त हुई जब ट्रैफिक जवान सड़क पर यातायात को सुचारू बनाने की कोशिश कर रहे थे।
सड़क से ऑटो हटाने पर भड़के चालक
जानकारी के मुताबिक, घटना सुबह करीब 11:20 बजे की है, जब दलादली ओपी क्षेत्र के कटहल मोड़ पर एक ट्रैफिक जवान ने सड़कों पर खड़े ऑटो को हटाने की कोशिश की। इसी दौरान कुछ ऑटो चालक और उनके साथ मौजूद युवक आक्रोशित हो उठे और पुलिसकर्मियों से बहस करने लगे। देखते ही देखते बात हाथापाई तक पहुंच गई।
पीछे से किया गया हमला, सिर पर लगी ईंट
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झगड़े के दौरान एक युवक ने सड़क किनारे पड़ी ईंट का टुकड़ा उठाया और पीछे से ट्रैफिक जवान रोहित कुमार गंझू के सिर और गर्दन के बीच जोरदार वार कर दिया। हमले के बाद वह जवान मौके पर ही गिर गया और अचेत हो गया। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
घायल जवान को पहले एक निजी अस्पताल ले जाया गया, बाद में उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। चिकित्सकों ने जानकारी दी कि हमले से जवान के सिर और गर्दन के बीच की मांसपेशियों में सूजन आई है। सीटी स्कैन के बाद इलाज जारी है।
पुलिस का सर्च ऑपरेशन, आरोपी फरार
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और पीसीआर की टीमें मौके पर पहुंचीं और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया। हालांकि देर रात तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिल सका। घायल जवान के बयान पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।
कटहल मोड़ बना अराजक तत्वों का ठिकाना
स्थानीय लोगों का कहना है कि कटहल मोड़ चौक पिछले कुछ समय से असामाजिक तत्वों और ऑटो चालकों की अराजकता का केंद्र बन चुका है। आए दिन यहां अड्डेबाजी, गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। आम लोग डर के साए में यहां से गुजरते हैं। क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि इलाके में स्थायी पुलिस बल की तैनाती की जाए और ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई हो।
क्या प्रशासन लेगा सबक?
पुलिसकर्मी पर हुए इस हमले ने शहर की कानून व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि जिन सड़कों की निगरानी पुलिस करती है, वहीं पुलिस पर हमला हो जाता है तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं? अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है और कब तक दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाता है।