रांची में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वेटनरी कॉलेज के पॉल्ट्री फार्म में मृत गिनी फाउल (एक खास प्रकार की मुर्गी) में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गे और अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
क्यों बनाया गया 10KM का सर्विलांस जोन?
बर्ड फ्लू के संभावित प्रसार को रोकने के लिए पशुपालन निदेशक किरण कुमारी पासी ने बीएयू के आसपास 10 किलोमीटर के क्षेत्र को सर्विलांस जोन घोषित किया है। इसका उद्देश्य इस इलाके में संक्रमण के लक्षणों पर कड़ी निगरानी रखना और किसी भी संदिग्ध मामले की पहचान कर तुरंत कार्रवाई करना है।
बचाव और रोकथाम के लिए उठाए गए कदम
पशुपालन विभाग ने पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान कांके के निदेशक डॉ. सनथ कुमार पंडित को जिम्मेदारी सौंपी है कि वे एक रैपिड रिस्पांस टीम गठित करें। यह टीम प्रभावित क्षेत्र का मानचित्र तैयार करेगी और पक्षियों में संक्रमण के लक्षणों की निगरानी करेगी। इसके अलावा, विभाग ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं—
• संक्रमित मुर्गियों का निस्तारण: जिन पक्षियों में संक्रमण पाया गया, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिया गया है।
• सफाई और संक्रमण नियंत्रण: प्रभावित शेड में एंटी-वायरल दवाओं का छिड़काव किया गया है और वहां सफेदी (ह्वाइट वॉशिंग) कराई गई है।
• सुरक्षात्मक उपाय: फार्म के अन्य पक्षियों को आइसोलेट कर दिया गया है, ताकि संक्रमण आगे न फैले।
वेटनरी कॉलेज का बयान
बीएयू के डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि संक्रमण सिर्फ गिनी फाउल प्रजाति की वयस्क मुर्गियों में पाया गया है। चूजों और अन्य पक्षियों में अब तक बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी, एहतियातन पूरे पॉल्ट्री फार्म को आइसोलेट कर दिया गया है और लगातार निगरानी की जा रही है।
लोगों के लिए जरूरी सावधानियां
बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए पशुपालन विभाग ने नागरिकों को कुछ जरूरी हिदायतें दी हैं—
1. मृत पक्षियों को न छुएं: अगर किसी जगह पक्षियों की असामान्य मौत होती है, तो तुरंत पशुपालन विभाग को सूचना दें।
2. अफवाहों से बचें: बिना प्रमाणित जानकारी के घबराने की जरूरत नहीं है। सभी पक्षी संक्रमित नहीं होते, इसलिए अनावश्यक रूप से उन्हें मारने की कोशिश न करें।
3. सुरक्षित दूरी बनाए रखें: अगर आपके आसपास किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखते हैं, तो उसे छूने से बचें और प्रशासन को जानकारी दें।
निष्कर्ष
रांची में बर्ड फ्लू का यह मामला गंभीर है, लेकिन प्रशासन द्वारा उठाए गए सख्त कदमों से संक्रमण को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। लोगों से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, लेकिन घबराएं नहीं। उचित दिशा-निर्देशों का पालन करने से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।