राजधानी रांची में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। लगातार मिल रही छेड़खानी और अभद्र व्यवहार की शिकायतों के मद्देनजर ट्रैफिक एसपी कैलाश करमाली की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, रांची जिला ऑटो चालक संघ और टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में महिला यात्रियों की सुरक्षा, यातायात नियमों के पालन और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को अधिक अनुशासित बनाने को लेकर कई कठोर निर्देश दिए गए।
प्रमुख निर्देश और फैसले
1. ड्रेस कोड और नेम प्लेट अनिवार्य
रांची में अब सभी ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को निर्धारित ड्रेस पहनना अनिवार्य होगा। चालक की ड्रेस पर स्पष्ट रूप से नेम प्लेट लगी होनी चाहिए ताकि यात्री उसकी पहचान आसानी से कर सकें। ड्रेस कोड का पालन न करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि कोई चालक बार-बार इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
2. महिला यात्रियों के साथ अभद्रता पर कड़ी कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर किसी ऑटो या ई-रिक्शा चालक द्वारा महिला यात्री के साथ छेड़खानी या अनुचित व्यवहार की शिकायत मिलती है, तो उस पर सिर्फ कानूनी कार्रवाई ही नहीं बल्कि उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। इस निर्देश का उद्देश्य महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक सुरक्षित माहौल प्रदान करना है।
3. यूनियनों को जागरूकता फैलाने का निर्देश
बैठक में मौजूद ऑटो और टैक्सी यूनियनों को निर्देश दिया गया कि वे अपने सदस्यों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पूरी जानकारी दें। चालकों को यातायात नियमों के पालन के साथ-साथ महिला यात्रियों के प्रति संवेदनशील और सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए भी जागरूक किया जाए।
यात्री सुविधा के लिए प्रशासनिक पहल
4. प्रमुख स्थानों पर शिकायत नंबर के स्टीकर
रांची के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहों और अन्य प्रमुख स्थानों पर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर वाले स्टीकर लगाए जाएंगे। इनमें संबंधित क्षेत्र के एसएसपी, डीएसपी और थानेदार का नंबर दर्ज रहेगा। किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर यात्री सीधे संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकेंगे।
5. सभी वाहनों पर डायल 112 और अधिकारियों के नंबर अनिवार्य
सभी ऑटो, ई-रिक्शा, टोटो और मिनी बसों पर ‘डायल 112’ का स्टीकर अनिवार्य रूप से लगाना होगा। इसके साथ ही संबंधित थाने के प्रमुख पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी वाहन पर स्पष्ट रूप से अंकित होने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर यात्री तुरंत सहायता ले सकें।
निष्कर्ष
ट्रैफिक विभाग का यह अभियान महिला सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब चालकों को न सिर्फ यातायात नियमों का पालन करना होगा, बल्कि महिला यात्रियों को सुरक्षित और सम्मानजनक यात्रा का अनुभव देने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी।