केंद्र सरकार ने बिहार के दरभंगा और रक्सौल के बीच रेल कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत और सुचारू बनाने के उद्देश्य से रक्सौल-दरभंगा रेलखंड का दोहरीकरण करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए गुरुवार को इसका शिलान्यास किया गया। इसके अलावा दरभंगा-रक्सौल रेलखंड के दरभंगा-नरकटियागंज मार्ग, जो सीतामढ़ी से होकर गुजरता है, का भी दोहरीकरण करने का निर्णय लिया गया है।

दोहरीकरण के महत्व और क्षेत्रीय विकास पर असर

इस रेलखंड का दोहरीकरण न केवल क्षेत्र में बेहतर रेल परिवहन सुविधा उपलब्ध कराएगा, बल्कि इससे यातायात की सुगमता भी बढ़ेगी। वर्तमान में, एकल ट्रैक होने के कारण ट्रेनों का आवागमन अपेक्षाकृत धीमा होता है, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई दोनों को असुविधा होती है। दोहरीकरण से ट्रेनें अधिक नियमित समय पर चल सकेंगी, और इससे व्यस्तता वाले समय में भी यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

टेंडर की जल्द घोषणा और शिलान्यास के प्रभाव

केंद्र सरकार द्वारा शिलान्यास के साथ ही इस परियोजना की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं। जल्द ही इसके टेंडर की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जा सके। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि परियोजना का उद्देश्य यात्री सेवा में सुधार लाने के साथ-साथ इलाके में उद्योगों और व्यापार को बढ़ावा देना है।

दोहरीकरण का लाभ: स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

दरभंगा और रक्सौल के बीच इस दोहरीकरण के परिणामस्वरूप व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है। रक्सौल, जो नेपाल के साथ भारत का एक प्रमुख व्यापारिक मार्ग है, अब अधिक सुगमता से जुड़ सकेगा, जिससे दोनों देशों के बीच माल परिवहन में आसानी होगी। साथ ही दरभंगा, जो शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है, आसानी से इस रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। इससे स्थानीय व्यवसायों, छोटे उद्योगों, और व्यापारियों को भी फायदा मिलेगा।

सुविधाएं और रोजगार के अवसर

इस दोहरीकरण परियोजना से न केवल यात्री सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि निर्माण कार्यों के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। साथ ही इस परियोजना से बिहार के अन्य जिलों को भी बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलने की संभावना है, जिससे राज्य में विकास और समृद्धि की गति को और भी बल मिलेगा।

परिवहन में वृद्धि और प्रदूषण में कमी

रेल दोहरीकरण परियोजना से रेलगाड़ियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे सड़क परिवहन पर निर्भरता कम होगी। इससे क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर घटेगा, जो पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक संकेत है। साथ ही, यात्रियों की समय की बचत भी होगी, जिससे वे अपने कार्यों को अधिक व्यवस्थित और संतुलित तरीके से कर सकेंगे।

समग्र निष्कर्ष

रक्सौल-दरभंगा रेलखंड का दोहरीकरण न केवल बिहार की रेल सुविधाओं में क्रांति लाएगा, बल्कि इससे संबंधित क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास के द्वार भी खुलेंगे। केंद्र सरकार का यह निर्णय बिहार के लोगों के जीवन को सरल बनाने और क्षेत्रीय विकास में योगदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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