रांची में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। इस बैठक का उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया को स्वच्छ, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराना था। इस अवसर पर आदर्श आचार संहिता और मतदाता पहचान पत्रों के बारे में जागरूकता फैलाने पर विशेष जोर दिया गया।
आदर्श आचार संहिता के अनुपालन में सहयोग
श्री के. रवि कुमार ने राजनीतिक दलों को याद दिलाया कि आदर्श आचार संहिता का पालन न केवल प्रत्याशियों के लिए बल्कि उनके कार्यकर्ताओं के लिए भी अनिवार्य है। सभी दलों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने स्तर पर आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करें ताकि निर्वाचन प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता न हो। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची में नाम होना अनिवार्य है, और साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के पालन की भी बात कही गई।
मतदाता पहचान के लिए 12 वैकल्पिक दस्तावेज
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए पहचान पत्र के रूप में 12 अन्य दस्तावेजों को भी मान्यता दी है। इनमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, सरकारी और अर्ध-सरकारी सेवा पहचान पत्र, बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का स्मार्ट कार्ड, स्वास्थ्य बीमा कार्ड, सांसद और विधायकों के पहचान पत्र, और दिव्यांगजनों के लिए यूनिक डिसएबिलिटी आईडी शामिल हैं। यह सुविधा मतदाताओं को अपनी पहचान स्थापित करने में मदद करेगी और मतदान प्रक्रिया को आसान बनाएगी।
जागरूकता अभियान की आवश्यकता
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों को आह्वान किया कि वे भी अपने स्तर पर मतदाताओं को इन 12 वैकल्पिक पहचान पत्रों के बारे में जागरूक करें, जिससे कि किसी भी मतदाता को पहचान पत्र के अभाव में अपने मताधिकार से वंचित न रहना पड़े। इसके अतिरिक्त, निर्वाचन प्रक्रिया में शांति और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी दलों से सहयोग की भी अपील की गई।
राजनीतिक दलों की समस्याओं पर चर्चा
इस बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अपनी समस्याओं और संदेहों को साझा करने का अवसर मिला। श्री के. रवि कुमार ने सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
निष्कर्ष
यह बैठक राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग के बीच बेहतर समन्वय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एक स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में सहायक होगी।