झारखंड के राजमहल क्षेत्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है, और इसके साथ ही पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। इसी कड़ी में राजमहल पुलिस द्वारा एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया गया, जिसमें दो व्यक्तियों को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कार्रवाई मानी जा रही है।
घटना का विवरण
मंगलवार रात को राजमहल-उधवा मुख्य मार्ग पर पुलिस द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया। पुलिस इंस्पेक्टर श्यामलाल हांसदा और थाना प्रभारी गुलाम सरवर के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। फुलवरिया बैरियर के पास एंटी क्राइम चेकिंग अभियान के दौरान हर तरह के वाहनों की गहन जांच की जा रही थी। इसी दौरान उधवा से राजमहल की ओर आ रही एक ई-रिक्शा, जिसे टोटो कहा जाता है, में दो युवकों को संदेह के आधार पर रोका गया और उनकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान पुलिस को उनके पास से एक देसी कट्टा और जिंदा कारतूस मिला।
एसडीपीओ की प्रेस वार्ता
राजमहल अनुमंडल के एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता के दौरान इस गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर ही कार्रवाई करते हुए तलाशी की वीडियोग्राफी भी करवाई। गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों की पहचान धनराज हजारी और मोहम्मद रहमान के रूप में हुई है, जो कि राजमहल थाना क्षेत्र के नया बाजार बिरसा मुंडा टाउन हॉल के निवासी हैं। पुलिस ने इन दोनों युवकों से गहन पूछताछ की, जिसमें उन्होंने हथियार की डिलीवरी का काम करने की बात स्वीकार की।
अवैध हथियार डिलीवरी का नेटवर्क
गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें लखीपुर के एक आम बागान में उनके एक साथी ने देसी कट्टा और कारतूस दिया था। उनके अनुसार, यह हथियार राजू होटल के समीप एक व्यक्ति को सौंपना था, और इसके बदले उन्हें दो हजार रुपए मिलने वाले थे। यह खुलासा यह संकेत देता है कि क्षेत्र में अवैध हथियारों का एक नेटवर्क सक्रिय हो सकता है, जो विधानसभा चुनावों के दौरान असामाजिक तत्वों के हाथ में हथियार पहुंचाने का काम कर रहा है।
पुलिस की जांच और अन्य संदिग्धों की तलाश
पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ के दौरान पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। इनमें कुछ मोबाइल नंबर और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस अब इन सुरागों के आधार पर मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। साथ ही, पुलिस ने यह भी बताया कि अन्य दो से तीन लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने थाना प्रभारी गुलाम सरवर के बयान पर आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों आरोपियों को राजमहल न्यायालय में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पृष्ठभूमि और उनके साथ जुड़े अन्य लोगों की कुंडली खंगालने में जुटी है।
पुलिस की सतर्कता और आगामी चुनावों की तैयारी
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पुलिस की यह कार्रवाई एक अहम कदम है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो। इस प्रकार की कार्रवाईयों से यह संकेत मिलता है कि पुलिस और प्रशासन अवैध गतिविधियों और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
छापेमारी दल का योगदान
इस सफल कार्रवाई के लिए छापेमारी दल में शामिल पुलिस कर्मियों की भूमिका भी सराहनीय रही। इस दल में एसआई विक्रम कुमार, विट्टू कुमार साहा, सालखु मुर्मू, महादेव उरांव, एएसआई अरविंद कुमार दास, और तस्लीम राजा शामिल थे, जिन्होंने त्वरित और प्रभावी तरीके से इस अभियान को अंजाम दिया।
निष्कर्ष
राजमहल में विधानसभा चुनावों से पहले की गई इस पुलिस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस और प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। अवैध हथियारों की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी से यह संकेत मिलता है कि आगामी चुनावों में असामाजिक तत्वों को सक्रिय होने से रोका जाएगा। पुलिस की यह सक्रियता चुनावी प्रक्रिया की शांति और निष्पक्षता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।