प्रयागराज में 14 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए झारखंड सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने का अनुरोध किया है।
महाकुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना के लिए प्रयागराज पहुंचते हैं, ऐसे में सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं को लेकर एडवाइजरी जारी करना अनिवार्य हो जाता है।
महाकुंभ 2025 की गाइडलाइन के मुख्य बिंदु
- महाकुंभ मोबाइल एप डाउनलोड करें: श्रद्धालुओं को “महाकुंभ मेला 2025” मोबाइल एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है, जिससे मेले की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सके।
- पूर्व तैयारी करें: यात्रा से पहले अपने निवास स्थान को सुनिश्चित करें।
- स्वास्थ्य जांच कराएं: 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी गई है।
- आयुष्मान कार्ड साथ रखें: आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड धारक आकस्मिक स्थिति में सरकारी एवं निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
- गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी: गर्भवती महिलाओं को यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी निर्देश
- धूम्रपान और नशे से बचें: मेला क्षेत्र में धूम्रपान और नशीले पदार्थों के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।
- मच्छरों से बचाव: मच्छरों से बचने के लिए मच्छर-रोधी क्रीम और रेपेलेंट साथ रखें।
- आग से बचाव: टेंट के अंदर हीटर या अलाव का उपयोग न करें, इससे आग लगने का खतरा हो सकता है।
आपातकालीन सेवाएं
किसी भी आपात स्थिति में निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है:
- महाकुंभ हेल्पलाइन: 1920
- पुलिस हेल्पलाइन: 112
- आपदा हेल्पलाइन: 1077
झारखंड सरकार का अनुरोध
झारखंड सरकार ने श्रद्धालुओं से गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का अनुरोध किया है ताकि महाकुंभ यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। सरकार ने सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा का भी प्रयास है। श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने धार्मिक अनुभव को स्मरणीय बनाएं।