प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चुनावी अभियान के दौरान कांग्रेस पर “अवास्तविक” वादे करने का आरोप लगाया था, जिन पर अमल नहीं हो पाया। इसके जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “झूठ, धोखा, दिखावा, लूट और प्रचार आपके सरकार का सबसे अच्छा वर्णन करने वाले पाँच विशेषण हैं।” उन्होंने प्रधानमंत्री के उन वादों पर भी सवाल उठाए, जिनमें हर साल दो करोड़ नौकरियों का दावा और ‘अच्छे दिन’ का वादा किया गया था। खड़गे ने अपने बयान में कहा, “बीजेपी का ‘बी’ विश्वासघात और ‘जे’ जुमला का प्रतीक है।”
कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए लिखा कि कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड अद्वितीय है और कांग्रेस द्वारा किए गए वादे हमेशा पूरे किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस की सरकार जहाँ वादे करती है, वहाँ उसे निभाती भी है। कर्नाटक में हमने जो भी वादे किए, वे सभी लागू हो रहे हैं। प्रधानमंत्री का बयान सरासर गलत है।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस बहस में अपनी बात रखते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने पुराने पेंशन योजना की पुनःस्थापना, महिलाओं के लिए 1,500 रुपये मासिक भत्ता जैसी योजनाओं का जिक्र किया।
निष्कर्ष
यह आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक दलों के बीच चुनावी समय में बढ़ते प्रतिस्पर्धात्मक माहौल का संकेत है। जहां बीजेपी और प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के चुनावी वादों पर सवाल उठाए, वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों और वादों की पूर्ति पर सवाल उठाए।