पुलिस विभाग में तेल की किल्लत: गश्त करने वाली गाड़ियां थानों में खड़ी

रांची: पुलिस विभाग में तेल की आपूर्ति में कटौती के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। थानों में गश्त करने वाली गाड़ियां खड़ी हैं क्योंकि उनके लिए पेट्रोल और डीजल उपलब्ध नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, तेल का बजट 6 करोड़ रुपये से अधिक घटा दिया गया है, जिससे पुलिस व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

थानों की स्थिति दयनीय

स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि गश्त के लिए आवश्यक तेल उपलब्ध न होने के कारण, कई बार पुलिसकर्मियों को अपनी जेब से तेल भरवाना पड़ रहा है। इसका सीधा असर अपराध नियंत्रण पर पड़ रहा है। अपराधियों को रोकने और गश्त के लिए वाहनों का संचालन बाधित हो गया है।

पेट्रोल पंप संचालकों की शिकायत

पेट्रोल पंप संचालकों ने बताया कि सरकारी विभाग द्वारा बार-बार तेल का भुगतान नहीं किया जा रहा है। बकाया राशि बढ़ने के कारण पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति रोक दी गई है। एक पेट्रोल पंप संचालक ने कहा कि विभाग ने अत्यधिक खर्च कम करने की बात कहकर भुगतान रोक दिया है।

गश्त और अपराध नियंत्रण पर असर

तेल की अनुपलब्धता के कारण गश्त में कमी आई है, जिससे रात में अपराध बढ़ने की संभावना है। वाहन चालकों और पेट्रोलिंग स्टाफ का कहना है कि ऐसी स्थिति में पुलिस के लिए अपराध पर नियंत्रण रखना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।

प्रशासन की विफलता

इस मामले ने पुलिस विभाग की प्रशासनिक विफलता को उजागर किया है। अपराध नियंत्रण और सुरक्षा बनाए रखने के लिए तेल जैसी बुनियादी आवश्यकता की कमी होना न केवल शर्मनाक है, बल्कि जनता की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है।

राजधानी रांची की सुरक्षा भगवान भरोसे

रांची के सुखदेवनगर थाने में दोपहर 1 बजे का दृश्य कुछ ऐसा था, जो राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत बयान करता है। थाने की तीन गाड़ियां, जिन्हें गली-मोहल्लों में गश्त पर होना चाहिए था, ईंधन की कमी के कारण थाने में खड़ी रहीं। पेट्रोल पंप से तेल लेने में असमर्थता के पीछे मुख्य कारण बकाया भुगतान का अत्यधिक बढ़ जाना है।

शहरभर में यही हालात

यह समस्या केवल एक थाने की नहीं है, बल्कि शहर के लगभग हर थाने में यही स्थिति है।

  • गश्त में कटौती: कई थानों में गश्ती राउंड घटा दिए गए हैं।
  • तेल की निजी व्यवस्था: जिन थानों में गाड़ियां चल रही हैं, वहां के प्रभारी अपनी जेब से तेल की व्यवस्था कर रहे हैं।
  • गाड़ियों की संख्या कम: कई थानों में गश्त के लिए कम गाड़ियां ही निकल पा रही हैं।

अधिकारियों की स्वीकारोक्ति

सार्जेंट मेजर अनीश मोहित कुजूर ने इन हालातों की पुष्टि करते हुए कहा कि पेट्रोल पंप का बकाया काफी अधिक हो गया है, जिससे गश्त प्रभावित हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य पेट्रोल पंपों से तेल की व्यवस्था करने की कोशिश जारी है। अधिकारी स्थिति को जल्द सुधारने की बात कह रहे हैं।

भाजपा का तीखा हमला

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस गाड़ियों की पेट्रोलिंग बाधित करना अपराध को बढ़ावा देने जैसा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अन्य योजनाओं के लिए पुलिस विभाग का बजट डायवर्ट किया जा रहा है।

पेट्रोल पंपों ने बंद की आपूर्ति

  • पेट्रोल पंप संचालकों ने बताया कि हर महीने एक करोड़ रुपये से अधिक का तेल पुलिस विभाग को दिया जाता है, लेकिन 6 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने के कारण आपूर्ति बंद कर दी गई है।
  • अति आवश्यक स्थिति में ही सार्जेंट मेजर के विशेष निर्देश पर तेल दिया जा रहा है।

थानों की गश्ती व्यवस्था का हाल

  • कांके थाना: गश्त के लिए 2 गाड़ियां हैं, लेकिन 2 जनवरी से किसी भी गाड़ी को तेल नहीं मिला। पिछले महीने मिले तेल का उपयोग बचाकर किया जा रहा है, जिससे गश्त में कटौती की गई है।
  • रातू थाना: तेल की कमी के कारण गश्ती गाड़ियां शाम 6 बजे के बाद सड़क पर नहीं निकल पा रही हैं।
  • लोअर बाजार थाना: पेट्रोलिंग गाड़ियां तेल के अभाव में पूरे दिन थाने में खड़ी रहीं।

तेल के लिए ड्राइवर की मिन्नतें

एक थाने की गश्ती गाड़ी तेल लेने के लिए पेट्रोल पंप पर पहुंची, लेकिन पेट्रोल पंप कर्मियों ने तेल देने से मना कर दिया। गाड़ी का ड्राइवर तेल के लिए मिन्नत करता रहा, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।


ये बिंदु बतौर तथ्य आपके लेख में शामिल किए जा सकते हैं। इससे समस्या की गहराई और उसकी गंभीरता को समझने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

पुलिस विभाग को तत्काल इस समस्या का समाधान करना चाहिए। तेल का उचित बजट और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना न केवल पुलिस बल की कार्यक्षमता के लिए जरूरी है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।



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