लातेहार (झारखंड) – झारखंड पुलिस को उग्रवाद विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सक्रिय उग्रवादी विष्णु उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह गिरफ्तारी लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में अप्रैल माह में हुई गोलीबारी की घटनाओं के संबंध में की गई है, जिनमें स्थानीय उद्योगों से लेवी वसूलने की मंशा सामने आई थी।

फायरिंग की घटनाएं: भय फैलाने और लेवी वसूली की साजिश

4 अप्रैल 2025 को चंदवा थाना क्षेत्र के हड़गड़वा इलाके में दो गंभीर घटनाएं घटी थीं। पहली घटना संतोष कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी के क्रशर प्लांट पर हुई, जहां अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी कर दहशत फैलाई थी। दूसरी घटना पास के एक ईंट भट्ठा की थी, जहां काम कर रहे मुंशी को गोली मारी गई थी। इस हमले में मुंशी गंभीर रूप से घायल हुआ था। इन दोनों घटनाओं के पीछे लेवी वसूली की मंशा बताई जा रही थी, जिसकी जिम्मेदारी PLFI उग्रवादियों पर आकर केंद्रित हुई।

गुप्त सूचना और सटीक कार्रवाई

लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव को जब इन घटनाओं में शामिल उग्रवादियों के बारे में गुप्त सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत एक विशेष अभियान दल के गठन का आदेश दिया। एसडीपीओ अरविंद कुमार के नेतृत्व में गठित इस टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए गुमला जिले के भरनो थाना अंतर्गत भड़गांव के खलबी टोला में छापेमारी की। इस दौरान सोमा उरांव का पुत्र और PLFI का सदस्य विष्णु उरांव पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

उग्रवादी के पास से अहम सुराग मिले

पुलिस ने विष्णु उरांव के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया है, जिसका इस्तेमाल वह लेवी मांगने और संगठन के अन्य सदस्यों से संपर्क बनाए रखने में करता था। यह मोबाइल फिलहाल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि अन्य सहयोगियों और उग्रवादी नेटवर्क के बारे में सुराग मिल सके।

घटनाओं में विष्णु की संलिप्तता स्पष्ट

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि विष्णु उरांव क्रशर और ईंट भट्ठा पर हुई फायरिंग की घटनाओं में सीधे तौर पर शामिल था। वह न केवल घटनास्थल पर मौजूद था बल्कि हथियारों के इस्तेमाल में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा था। पुलिस ने उसकी भूमिका को लेकर पर्याप्त साक्ष्य इकट्ठा कर लिए हैं, जिसके आधार पर उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

मुख्य आरोपी पहले ही जेल में

इस मामले के मुख्य अभियुक्त संतोष उरांव उर्फ तूफान सहित चार अन्य उग्रवादियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। विष्णु की गिरफ्तारी से इस मॉड्यूल की कमर टूट गई है और पुलिस अब बचे हुए अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

छापेमारी टीम में रहे ये अधिकारी शामिल

इस विशेष अभियान में पुअनि रवींद्र कुमार सिंह, सैट-44 (स्पेशल एक्शन टीम) चंदवा थाने की यूनिट और जिला पुलिस बल के सशस्त्र जवानों ने सक्रिय भूमिका निभाई। टीम ने जोखिम उठाते हुए विष्णु की गिरफ्तारी को अंजाम दिया, जो राज्य में PLFI की गतिविधियों पर करारा प्रहार है।

झारखंड पुलिस की रणनीति और आगे की दिशा

राज्य पुलिस ने संकेत दिए हैं कि उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध यह मुहिम और तेज़ की जाएगी। लातेहार, गुमला, सिमडेगा, खूंटी और चाईबासा जैसे PLFI प्रभावित क्षेत्रों में अब और अधिक निगरानी और छापेमारी की कार्रवाई होगी। पुलिस इन घटनाओं को संगठित अपराध के तौर पर देख रही है और इनसे जुड़े आर्थिक स्रोतों को भी चिन्हित कर कार्रवाई की योजना बना रही है।

निष्कर्ष:

विष्णु उरांव की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल क्रशर और ईंट भट्ठा में काम करने वाले मजदूरों व व्यापारियों के लिए राहत की बात है, बल्कि यह भी संकेत है कि पुलिस अब उग्रवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की दिशा में गंभीर कदम उठा रही है।

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