देवघर विधानसभा सीट से 2024 झारखंड चुनाव में भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी नारायण दास को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने राजद के प्रत्याशी सुरेश पासवान से 39,721 वोटों से हार स्वीकार कर ली, लेकिन उन्होंने अपनी हार को नई ऊर्जा के साथ जनता की सेवा में समर्पित कर दिया है।
नारायण दास न केवल देवघर के पूर्व विधायक के रूप में जाने जाते हैं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक के रूप में भी पहचाने जाते हैं। वे अपनी हार को जनता का निर्णय मानते हैं और इसे स्वीकार करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देवघर की जनता से उनका जुड़ाव मजबूत बना रहे। चुनाव परिणाम के बाद भी नारायण दास लगातार लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और हर संभव मदद कर रहे हैं।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, “चुनाव में हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है। लेकिन मेरा उद्देश्य हमेशा देवघर की जनता की सेवा करना है। मेरे दरवाजे हर व्यक्ति के लिए खुले हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी से हो।”
नारायण दास की यह सोच और कार्यशैली उन्हें देवघर के हर वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाए हुए है। उनका मानना है कि राजनीति में हार-जीत स्थायी नहीं होती, लेकिन जनता की सेवा का जज्बा हमेशा कायम रहना चाहिए।
देवघर की जनता भी उनके प्रयासों की सराहना कर रही है। कई लोगों का मानना है कि भले ही वे इस बार विधायक नहीं चुने गए, लेकिन उनका समर्पण और सेवा भावना उन्हें एक सच्चा जनप्रतिनिधि बनाती है। नारायण दास ने यह भी अपील की है कि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्याओं को लेकर उनसे बेझिझक संपर्क कर सकता है।
उनकी यह सकारात्मक सोच और कार्यशैली देवघर की राजनीति में नई मिसाल कायम कर रही है।