झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छठ पूजा के अवसर पर रांची के छठ घाट पर पहुँचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस पावन अवसर की तस्वीरें उन्होंने ट्विटर पर साझा की और राज्य की जनता को छठ पर्व की शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने लिखा, “लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर रांची स्थित छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का परम सौभाग्य मिला। इस पावन अवसर पर सभी को अनेक-अनेक बधाई और शुभकामनाएँ।”
छठ पर्व का महत्त्व
छठ पूजा भारत के पूर्वी क्षेत्रों, खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। इस पर्व में श्रद्धालु भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में कड़ी तपस्या और नियमों का पालन किया जाता है। छठ पर्व न केवल लोक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति, स्वास्थ्य और सामुदायिक एकता का संदेश भी देता है।
मुख्यमंत्री ने साझा की भावनाएँ
हेमंत सोरेन ने अपने संदेश में बताया कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन इस बार उनके साथ अर्घ्य देने के लिए उपस्थित नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा, “कल्पना गिरिडीह से चुनावी कार्यक्रमों में भाग ले रही है और मैं रांची से। यही कारण रहा आज जब छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने गया तो कल्पना साथ नहीं थी।” उन्होंने छठ व्रती महिलाओं, माताओं, बहनों और उनके परिवारजनों के तप को सफल होने की कामना भी की।
राज्य में छठ पर्व की धूम
छठ पर्व के दौरान पूरे झारखंड में विशेष उत्साह और उल्लास का माहौल देखा गया। रांची, जमशेदपुर, धनबाद, और अन्य शहरों में लोगों ने बड़े श्रद्धा भाव से छठ घाटों पर पहुँचकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। राज्य सरकार ने भी इस अवसर पर सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की थी। जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई ताकि श्रद्धालु बिना किसी व्यवधान के अपने रीति-रिवाजों को निभा सकें।
छठ घाटों पर विशेष व्यवस्था
छठ पूजा के दौरान बड़ी संख्या में लोग नदी, तालाब, और जलाशयों के किनारे एकत्र होते हैं, इस कारण राज्य सरकार ने छठ घाटों पर विशेष व्यवस्था की थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर छठ घाटों की सफाई और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया था। कई घाटों पर लाइटिंग और मेडिकल सुविधाओं का भी प्रबंध किया गया था ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
मुख्यमंत्री के संदेश का विशेष महत्त्व
मुख्यमंत्री का छठ घाट पर जाना और जनता के साथ जुड़ाव दिखाना इस पर्व के प्रति उनकी आस्था और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि वे छठव्रती माताओं-बहनों के तप को सफल होने की कामना करते हैं। हेमंत सोरेन ने छठ पूजा के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे लोक आस्था का पर्व बताया, जो न केवल धार्मिक भावना बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
निष्कर्ष
छठ पूजा का पर्व झारखंड और अन्य राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का रांची के छठ घाट पर पहुँचकर अर्घ्य देना और जनता को शुभकामनाएँ देना उनके जन-समर्पण और धार्मिक आस्था को प्रदर्शित करता है। यह पर्व सभी के लिए एक ऐसा अवसर होता है, जिसमें लोग अपनी संस्कृति, परंपरा, और आस्था को सम्मानित करते हैं। हेमंत सोरेन के इस संदेश से झारखंड की जनता में छठ पर्व को लेकर और भी उत्साह और आनंद का माहौल बना है।