रांची: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। अब उन 7.65 लाख महिला लाभार्थियों को भी योजना की राशि मिलेगी, जिनके खाते आधार से लिंक नहीं होने के कारण अप्रैल महीने की किस्त अटक गई थी। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से पुष्टि की गई है कि इन महिलाओं का आधार सत्यापन अब पूरा कर लिया गया है और उनके खातों में भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अब तक 52 लाख से अधिक महिलाओं को मिला लाभ
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत अब तक 52 लाख से अधिक महिलाओं को अप्रैल महीने की राशि भेजी जा चुकी है। शुरुआत में सिर्फ 40.02 लाख खातों में आधार सीडिंग थी, लेकिन 13 मई के बाद अतिरिक्त 12 लाख खातों का सत्यापन किया गया। इसके साथ ही योजना के लाभार्थियों की कुल संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है।
जिलेवार समीक्षा के बाद लिया गया निर्णय
इस मामले को लेकर राज्य स्तर पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें 24 जिलों से आए आंकड़ों की समीक्षा की गई। रिपोर्ट में यह सामने आया कि सिमडेगा जिले में सबसे कम महिलाओं को अप्रैल की राशि मिली थी, जबकि हजारीबाग, रांची, धनबाद और बोकारो में भी सत्यापन की प्रक्रिया धीमी रही थी। लेकिन अब संबंधित विभागों की सक्रियता से यह प्रक्रिया तेज की गई और आधार सीडिंग को पूरा किया गया।
अप्रैल माह का बकाया भुगतान जल्द होगा
जिन महिलाओं को अप्रैल की किस्त नहीं मिल पाई थी, उनके खातों में अब धीरे-धीरे भुगतान होना शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिन महिलाओं ने योजना के तहत रजिस्ट्रेशन किया था, उन्हें अप्रैल की राशि का भुगतान जून महीने में हर हाल में कर दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य और महत्व
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। यह योजना महिलाओं के स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की मंशा है कि कोई भी पात्र महिला लाभ से वंचित न रहे, और इसीलिए अब आधार सीडिंग की अड़चन को भी दूर कर लिया गया है।
निष्कर्ष
राज्य सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि वह समावेशी कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। मंईयां सम्मान योजना के तहत अब तक जिन महिलाओं को राशि नहीं मिली थी, उन्हें भी भरोसा हो सकता है कि सरकार की ओर से सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। यह निर्णय लाखों महिलाओं के लिए राहत और विश्वास दोनों लेकर आया है।