झारखंड में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखंड में इस योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताएं सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कठोर कार्रवाई की है।
तीन सीएससी संचालकों का लाइसेंस रद्द
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त शेखर जमुआर ने गड़बड़ी के आरोप में तीन सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) संचालकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इन संचालकों पर मंईयां सम्मान योजना का दुरुपयोग करने और पात्र लाभुकों को योजना का लाभ पहुंचाने में असफल रहने का आरोप है। यह कदम प्रशासन द्वारा गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के बाद उठाया गया।
पंचायत सचिव निलंबित
इसी प्रखंड में अयोग्य लाभुकों को अबुआ आवास योजना का लाभ देने के आरोप में पंचायत सचिव शशि कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन के अनुसार, सचिव ने पात्रता मानकों की अनदेखी करते हुए कई अयोग्य व्यक्तियों को योजना का लाभ दिया।
धान क्रय में अनियमितता, पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी
गढ़वा के मझिआंव क्षेत्र में धान क्रय में अनियमितता का मामला भी सामने आया है। इस मामले में रामपुर पैक्स अध्यक्ष रविंद सिंह पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। अध्यक्ष पर किसानों से धान खरीदने की प्रक्रिया में अनियमितता और सरकारी दिशानिर्देशों की अनदेखी का आरोप है।
पहले भी हो चुकी हैं गड़बड़ियां
मंईयां सम्मान योजना में यह पहली बार नहीं है जब गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं। इससे पहले भी एक सीएससी संचालक द्वारा योजना के तहत फर्जी लाभार्थियों को शामिल करने का मामला प्रकाश में आया था। उस समय जिला प्रशासन ने दोषी से ब्याज सहित राशि की वसूली की थी।
उपायुक्त की सख्त चेतावनी
जिला उपायुक्त शेखर जमुआर ने स्पष्ट किया है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्तियों तक पहुंचे। उपायुक्त की इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना महिलाओं को सशक्त बनाने का एक अहम कदम है। लेकिन प्रशासनिक गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामलों ने इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए सख्त कदम इस बात का संकेत हैं कि सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।