लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले के नेतरहाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत दवना-दुरूप गांव में शनिवार को दिनदहाड़े भाकपा माओवादी नक्सलियों ने दो मोबाइल टावरों को निशाना बनाते हुए उनमें आग लगा दी। नक्सलियों ने बीएसएनएल और जियो के मोबाइल टावरों पर हमला कर, एक टावर के मशीन को जलाकर राख कर दिया और दूसरे टावर के सोलर पैनल को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

घटना का विवरण

सूत्रों के अनुसार, शनिवार की दोपहर लगभग 1 बजे करीब 10 माओवादी नक्सली दवना-दुरूप गांव पहुंचे और गांव में लगे बीएसएनएल के मोबाइल टावर पर हमला कर दिया। उन्होंने टावर के मशीन में आग लगा दी, जिससे वह पूरी तरह से नष्ट हो गया। इसके बाद नक्सलियों ने जियो के दूसरे टावर पर हमला करते हुए उसके सोलर पैनल को नुकसान पहुंचाया। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली जंगल की ओर भाग निकले।

इस घटना के बाद से गांव में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने बताया कि माओवादियों का इस इलाके में प्रभाव है और यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। ग्रामीणों के अनुसार, माओवादी अक्सर इस क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और उनके द्वारा इस प्रकार की हिंसक घटनाओं को अंजाम देना आम बात हो गई है।

पुलिस की कार्रवाई और छानबीन

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल की गहन छानबीन की और माओवादियों के खिलाफ छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस को संदेह है कि इस घटना के पीछे माओवादी कमांडर छोटू खरवार का हाथ हो सकता है, जो अपने दस्ते के साथ इस इलाके में अक्सर सक्रिय रहता है।

एसपी कुमार गौरव ने बताया कि नक्सलियों की पहचान करने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है और जल्द ही दोषियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा रहा है।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल

इस घटना के बाद से दवना-दुरूप गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने बताया कि नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों ने उन्हें असुरक्षित महसूस कराया है। वे आए दिन नक्सलियों की धमकियों और हमलों का सामना करते रहते हैं, जिससे उनका सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

गांव के एक निवासी ने कहा, “हमारे इलाके में माओवादी हर समय सक्रिय रहते हैं। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हम कितने असुरक्षित हैं। हमें डर है कि आगे भी वे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।”

माओवादी हिंसा की बढ़ती घटनाएँ

झारखंड के विभिन्न हिस्सों में माओवादी गतिविधियाँ लंबे समय से जारी हैं। लातेहार, पलामू, गढ़वा और चतरा जैसे इलाकों में माओवादी हिंसा की घटनाएँ आम हो गई हैं। ये नक्सली समूह अक्सर विकास परियोजनाओं, संचार नेटवर्क और पुलिस के खिलाफ हमले करते हैं, जिससे सरकारी तंत्र को नुकसान पहुँचता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि माओवादियों द्वारा मोबाइल टावरों को निशाना बनाना उनकी रणनीति का हिस्सा है, जिससे संचार व्यवस्था बाधित होती है और सुरक्षा बलों के बीच तालमेल में कठिनाई पैदा होती है। मोबाइल नेटवर्क और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचाकर वे सुरक्षा बलों की कार्यवाही को कमजोर करने की कोशिश करते हैं।

सरकार और सुरक्षा बलों की चुनौतियाँ

नक्सलियों द्वारा की जाने वाली इन हिंसक घटनाओं ने सरकार और सुरक्षा बलों के लिए चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। झारखंड सरकार और केंद्रीय सुरक्षा बल मिलकर नक्सलियों के खिलाफ कड़ा अभियान चला रहे हैं, लेकिन माओवादियों की गहरी जड़ें और ग्रामीण इलाकों में उनका प्रभाव इस अभियान में बड़ी बाधा साबित हो रहा है।

पुलिस और सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनी रहे। इसके साथ ही, सरकार को उन ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है, जहाँ माओवादियों का प्रभाव अधिक है।

निष्कर्ष

लातेहार में नक्सलियों द्वारा मोबाइल टावरों को जलाने की घटना राज्य में माओवादी गतिविधियों की गंभीरता को उजागर करती है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि माओवादी हिंसा की समस्या से निपटने के लिए सुरक्षा बलों और सरकार को और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस और प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और दोषियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

झारखंड जैसे राज्य में, जहां माओवादी हिंसा एक बड़ी चुनौती है, वहां सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता है ताकि राज्य में स्थायी शांति स्थापित की जा सके और नागरिकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।

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