राजधानी रांची के कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसके जल्द उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस फ्लाईओवर के बन जाने से रांची के यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। लंबे समय से जारी इस निर्माण कार्य की समाप्ति के बाद रांचीवासियों को जाम से निजात मिलेगी, जिससे उन्हें सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव होगा।
फ्लाईओवर की विशेषताएं और महत्व
कांटाटोली फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2240 मीटर है और इसे योगदा सत्संग आश्रम, बहुबाजार से शांति नगर, कोकर तक (वाया कांटाटोली चौक) बनाया गया है। इस फ्लाईओवर के निर्माण में कुल 486 सेगमेंट का उपयोग किया गया है, जो इसे मजबूत और टिकाऊ बनाते हैं। इस परियोजना के निर्माण पर कुल 224.94 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है, और इसे प्रीकास्ट सेगमेंटल प्रणाली के माध्यम से बनाया गया है, जो निर्माण कार्य को तेज और सुरक्षित बनाता है।
यातायात के दबाव में आएगी कमी
फ्लाईओवर के चालू होने के बाद, रांची के मुख्य मार्ग और कडरू ब्रिज पर वाहनों के दबाव में कमी आएगी। कांटाटोली चौक पर अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है, खासकर पीक आवर्स में, जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से वाहनों की आवाजाही सुचारू होगी, जिससे मेन रोड और कडरू ब्रिज पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा। यह फ्लाईओवर शहर के बीचोंबीच यातायात को संतुलित करेगा और लोगों की दैनिक यात्रा को आसान बनाएगा।
निर्माण कार्य और चुनौतियां
कांटाटोली फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में कई चुनौतियां सामने आईं। परियोजना की शुरुआत के बाद कई बार निर्माण कार्य में बाधाएं आईं, जैसे कि बजट का पुनर्मूल्यांकन, तकनीकी समस्याएं और कोरोना महामारी का प्रभाव, जिसके कारण निर्माण कार्य में देरी हुई। नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने निर्माण कार्य की निगरानी करते हुए इसे 30 सितंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
निर्माण कार्य में प्रीकास्ट सेगमेंटल प्रणाली का उपयोग किया गया, जिससे कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित हुई और समय की बचत भी हुई। इस प्रणाली में सेगमेंट को पहले से तैयार किया जाता है और फिर उन्हें साइट पर जोड़कर फ्लाईओवर का निर्माण किया जाता है। यह आधुनिक तकनीक न केवल निर्माण कार्य को तेज करती है बल्कि इसे और भी सुरक्षित बनाती है।
आवासीय क्षेत्रों को मिलेगी राहत
फ्लाईओवर के शुरू होने से न केवल यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि आस-पास के आवासीय क्षेत्रों को भी बड़ी राहत मिलेगी। शांति नगर, बहुबाजार और कोकर जैसे क्षेत्रों में यातायात की भीड़भाड़ कम होने से स्थानीय निवासियों को काफी सुविधा होगी। फ्लाईओवर के शुरू होने के बाद कांटाटोली चौक और आसपास के इलाकों में जाम की समस्या में सुधार देखने को मिलेगा।
विकास की ओर रांची का एक और कदम
कांटाटोली फ्लाईओवर रांची के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल यातायात व्यवस्था को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि शहर के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत बनाएगा। इससे पहले रांची में कई फ्लाईओवर बनाए जा चुके हैं, लेकिन कांटाटोली फ्लाईओवर का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि यह शहर के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है और यातायात की समस्या का समाधान करता है।
अर्थव्यवस्था और समय की बचत
फ्लाईओवर के शुरू होने से समय और ईंधन की बचत होगी। ट्रैफिक जाम के कारण वाहन चालकों को अक्सर अतिरिक्त ईंधन खर्च करना पड़ता है, जिससे न केवल उनकी जेब पर असर पड़ता है, बल्कि प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। फ्लाईओवर के बनने से इन समस्याओं का समाधान होगा और शहरवासियों को राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
कांटाटोली फ्लाईओवर का उद्घाटन रांची के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह शहर के बुनियादी ढांचे को और भी सुदृढ़ करेगा और यातायात को सुगम बनाएगा। रांचीवासियों के लिए यह फ्लाईओवर यातायात जाम से छुटकारा दिलाने का एक बेहतरीन विकल्प साबित होगा। इसके चालू होने से रांची की यातायात व्यवस्था में एक नया अध्याय शुरू होगा और लोगों को उनके गंतव्य तक जल्दी और सुरक्षित पहुंचने का अवसर मिलेगा। नगर विकास विभाग और स्थानीय प्रशासन की यह पहल रांची को एक आधुनिक और विकसित शहर की दिशा में आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।