रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस क्रम में राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय से विधायक कल्पना सोरेन ने अपने चुनावी नामांकन पत्र खरीद लिए हैं। इस महत्वपूर्ण कदम से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के चुनावी अभियान को और गति मिलेगी, क्योंकि सोरेन परिवार का झारखंड की राजनीति में गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नेतृत्व में राज्य में विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाया है, और अब वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
वहीं, कल्पना सोरेन, जो गांडेय विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, भी अपने क्षेत्र में लोकप्रिय नेता मानी जाती हैं। उनका नामांकन पत्र खरीदना यह संकेत देता है कि झामुमो एक बार फिर से मजबूत चुनावी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है।
राहुल गांधी के दौरे पर बीजेपी का तंज
इसी बीच, झारखंड में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने व्यंग्यात्मक तंज कसा है। बीजेपी ने कहा, “हरियाणा में जलेबी की अपार सफलता के बाद अब राहुल गांधी झारखंड में धुस्का फैक्ट्री का उद्घाटन करने आ रहे हैं।” यह टिप्पणी राहुल गांधी की हाल की हरियाणा यात्रा की ओर इशारा करती है, जहां उन्होंने किसान और श्रमिक समुदाय से बातचीत की थी। बीजेपी के इस बयान से चुनावी माहौल में हलचल और बढ़ गई है, जहां दोनों प्रमुख दलों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है।
बीजेपी का यह व्यंग्यात्मक बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। राहुल गांधी का दौरा, जो राज्य के आगामी चुनाव में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में है, पर विपक्ष ने चुटकी ली है। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस झारखंड में राजनीतिक लाभ के बजाय प्रतीकात्मक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
चुनावी सरगर्मियों में तेजी
हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन द्वारा नामांकन पत्र खरीदने के बाद, राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ अपनी रणनीति को धार देने के लिए कमर कस ली है। दूसरी ओर, बीजेपी भी राज्य में अपनी चुनावी तैयारियों को लेकर सक्रिय है और विपक्षी दलों पर लगातार कटाक्ष कर रही है।
इस बार के विधानसभा चुनाव झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। राज्य की जनता की उम्मीदें और राजनीतिक दलों की रणनीतियां इसे दिलचस्प मुकाबला बना रही हैं। हेमंत सोरेन सरकार के कामकाज और उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा, जबकि विपक्षी दल बीजेपी सरकार की नीतियों और योजनाओं को चुनौती दे रहे हैं।
आगामी दिनों में चुनावी माहौल और अधिक तीव्र होने की संभावना है, क्योंकि प्रमुख नेताओं के दौरे, रैलियां और प्रचार अभियान जोर पकड़ने वाले हैं। हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के नामांकन के साथ ही झामुमो का चुनावी सफर शुरू हो चुका है, और राहुल गांधी के दौरे से कांग्रेस की रणनीति भी साफ हो जाएगी।