केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट प्रस्तुत किया, जिसमें झारखंड के उद्योगों, किसानों और खनन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। इस बजट से राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME), कृषि क्षेत्र और खनन उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी।
सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बड़ा सहारा
बजट में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को दोगुना करते हुए 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह झारखंड के छह लाख से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए राहत की खबर है। इसके तहत बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे ही उद्यमी 10 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा, माइक्रो क्रेडिट कार्ड की निवेश सीमा 2.5 गुना और कारोबार की सीमा 2 गुना तक बढ़ा दी गई है। इस बदलाव के बाद 2.5 करोड़ रुपये तक का निवेश करने वाले यूनिट्स माइक्रो, 25 करोड़ तक के निवेश वाले यूनिट्स स्मॉल और 125 करोड़ रुपये तक का निवेश करने वाले उद्यम मीडियम कैटेगरी में आएंगे। इससे झारखंड के उद्योगों को वित्तीय सहूलियत मिलेगी और नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
खनन क्षेत्र के लिए स्टेट माइनिंग इंडेक्स
झारखंड जैसे खनन बहुल राज्य के लिए स्टेट माइनिंग इंडेक्स की घोषणा एक महत्वपूर्ण पहल है। इस इंडेक्स के जरिए राज्यों की खनन क्षेत्र में रैंकिंग की जाएगी, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और खनन उद्योग में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे झारखंड में खनन से जुड़े उद्यमियों को अपने कारोबार का विस्तार करने का अवसर मिलेगा।
किसानों को KCC का लाभ, कृषि ऋण सीमा बढ़ी
बजट में किसानों के लिए न्यूनतम कृषि ऋण की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। झारखंड के लगभग 35 लाख किसानों में से 18 लाख किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) है, जिसमें से करीब 13.45 लाख किसान इसका सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं। इस फैसले से इन किसानों को अधिक ऋण मिलने में आसानी होगी, जिससे वे अपने कृषि कार्यों का विस्तार कर सकेंगे।
हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी किसानों को केसीसी से जोड़ने का निर्देश दिया था, ऐसे में यह फैसला किसानों के लिए बड़ा लाभकारी साबित हो सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बजट को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया दी कि झारखंड को इस बार भी कोई विशेष लाभ नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के भाजपा सांसद केवल केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन करने तक सीमित हैं और राज्य के वास्तविक विकास के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहे।
निष्कर्ष
इस बजट में झारखंड के उद्योगों, किसानों और खनन क्षेत्र के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं, जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक मजबूती आने की संभावना है। हालांकि, राज्य सरकार की प्रतिक्रिया के अनुसार, झारखंड को अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया है। अब देखना होगा कि इन योजनाओं का धरातल पर कितना प्रभाव पड़ता है और झारखंड की अर्थव्यवस्था को इससे कितना लाभ मिलता है।