रांची
झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच ने एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में एसीबी को एक बड़े कारोबारी की भूमिका का सुराग मिला है, जिसने राज्य की शराब नीति को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मामले में कई प्रमुख कंपनियों और अधिकारियों के नाम सामने आ चुके हैं, और अब जांच की आंच छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुकी है।
कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया पर एसीबी का शिकंजा
छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को एसीबी ने समन जारी किया है। उन्हें 11 जून को रांची स्थित मुख्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है। जांच में सामने आया है कि सिंघानिया ने झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे के साथ मिलकर राज्य की नई शराब नीति तैयार करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस नीति के तहत प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में गंभीर अनियमितताएं बरती गईं।
प्लेसमेंट एजेंसियों का खेल और सिंघानिया की भूमिका
राज्यभर में 310 शराब दुकानों के संचालन के लिए मैनपावर सप्लाई करने वाली एजेंसियों के चयन में पूर्व निर्धारित शर्तों के बावजूद बाहरी कंपनियों को अनुचित रूप से लाभ पहुंचाया गया। इन कंपनियों—सुमित फैसिलिटीज, इगल हंटर सॉल्यूशंस, और एटूजेड इंफ्रा—को नियमों के विरुद्ध काम दिया गया। बाद में इन कंपनियों ने मैनपावर सप्लाई का काम सीधे सिंघानिया को सौंप दिया। आरोप है कि उन्होंने नए लोगों की भर्ती के बजाय पूर्व के अनुबंधित कर्मचारियों को ही अवैध रूप से फिर से नियोजित किया।
डायरी में झारखंड पर कब्जे की साजिश का जिक्र
ईडी द्वारा छत्तीसगढ़ में की गई छापेमारी के दौरान सिंघानिया की एक डायरी बरामद हुई थी, जिसमें झारखंड के शराब कारोबार पर नियंत्रण पाने की रणनीति का विवरण था। डायरी में कुछ नेताओं और अधिकारियों को “मुख्य शत्रु” बताया गया है। इसमें पंजाब और हरियाणा से आने वाली शराब पर रोक लगाने की योजना भी उल्लिखित थी।
सिंडिकेट के बिचौलिए की भूमिका में सिंघानिया
ईडी और एसीबी की जांच से स्पष्ट हुआ है कि सिद्धार्थ सिंघानिया न केवल झारखंड, बल्कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट से भी जुड़े रहे हैं। दो राज्यों में शराब कारोबार पर नियंत्रण रखने के लिए बनाई गई इस साजिश में उनका नाम प्रमुख बिचौलियों में गिना जा रहा है। उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ में भी पहले से एफआईआर दर्ज है, जिसमें कई वरिष्ठ अफसर और कारोबारी आरोपी हैं।
अन्य कारोबारियों पर भी गिरी गाज
सिंघानिया के अलावा मध्यप्रदेश के मनीष जैन और राजीव द्विवेदी को भी एसीबी ने समन भेजा है। वहीं, सुमित फैसिलिटीज कंपनी के निदेशक—अजीत जयसिंह राव, अमित प्रभाकर सलौंकि और सुनील मारुत्रे—को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है। सुमित फैसिलिटीज पर पहले भी शराब बिक्री से जुड़ी धनराशि के गबन का आरोप लग चुका है।
सीबीआई जांच की ओर बढ़ता मामला
मामले की गंभीरता को देखते हुए अब जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। झारखंड में शराब नीति से लेकर वितरण और बिक्री तक की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठ चुके हैं। आने वाले समय में और भी बड़े नाम इस घोटाले में सामने आ सकते हैं।