The Mediawala Express | रांची | 6 मई 2025
झारखंड में पढ़ाई को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। विद्यार्थियों की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न आए, इसके लिए अब जरूरत पड़ने पर रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में भी स्कूलों में कक्षाएं चलाई जाएंगी। विभाग की ओर से जारी नई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि विशेष परिस्थिति में छुट्टियां बढ़ने की स्थिति में उनकी भरपाई अन्य अवकाश के दिनों में की जाएगी।
गर्मी की छुट्टी तय, लेकिन बढ़े तो होगी भरपाई
राज्य सरकार द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार, 22 मई से 4 जून तक गर्मी की छुट्टियां निर्धारित की गई हैं। पूरे साल में कुल 62 छुट्टियों को स्कूल कैलेंडर में शामिल किया गया है। लेकिन पिछले वर्षों की तरह इस बार भी संभावना है कि भीषण गर्मी के चलते जिला प्रशासन (उपायुक्त) की ओर से अतिरिक्त छुट्टियां घोषित की जाएंगी।
शिक्षा विभाग ने इस संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और स्कूल प्रभारियों को यह निर्देश दिया है कि यदि किसी कारणवश अतिरिक्त अवकाश दिया जाता है, तो उसकी भरपाई रविवार या अन्य सार्वजनिक छुट्टी के दिन कक्षाएं आयोजित करके की जाएगी।
शिक्षा सचिव की ओर से निर्देश
इस संबंध में शिक्षा सचिव द्वारा सभी जिलों को एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि—
“विशेष परिस्थिति में अगर विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है और अतिरिक्त छुट्टियां दी जाती हैं, तो उसका शैक्षणिक नुकसान न हो, इसके लिए आवश्यकतानुसार रविवार या अन्य छुट्टी वाले दिन कक्षाएं आयोजित करना अनिवार्य होगा।”
राष्ट्रीय पर्वों पर उपस्थिति अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर विद्यालयों में झंडोत्तोलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना अनिवार्य होगा। इन अवसरों पर सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति अपेक्षित रहेगी।
पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष फोकस
शिक्षा विभाग के अनुसार यह निर्णय राज्य के छात्रों की पढ़ाई में आ रही रुकावटों को दूर करने और वार्षिक शिक्षण घंटों को पूरा करने के उद्देश्य से लिया गया है। हाल के वर्षों में कोविड महामारी, अत्यधिक गर्मी और विभिन्न कारणों से छात्रों की पढ़ाई बाधित होती रही है, जिससे उनके सीखने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। ऐसे में अब विभाग किसी भी अतिरिक्त छुट्टी की स्थिति में उसकी क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करना चाहता है।
अभिभावकों और शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ी
इस नए दिशा-निर्देश के लागू होने के बाद विद्यालयों के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों की जिम्मेदारियाँ भी बढ़ गई हैं। अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि रविवार या अन्य अवकाश के दिन अगर स्कूल खुलते हैं, तो उनके बच्चे नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित हों। वहीं शिक्षकों को भी अपनी योजना अनुसार पढ़ाई पूरी करने की दिशा में गंभीरता से कार्य करना होगा।
निष्कर्ष
झारखंड शिक्षा विभाग की यह पहल एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य छात्रों की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखना है। हालाँकि इस फैसले से अवकाश के दिनों में आराम की उम्मीद कर रहे छात्रों को थोड़ी निराशा हो सकती है, लेकिन यह भी तय है कि इससे उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा। अब यह देखना होगा कि स्कूल और शिक्षक इस दिशा-निर्देश को कितनी गंभीरता से लागू करते हैं।