रांची
झारखंड सरकार ने राज्य के राजपत्रित कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देते हुए मोबाइल खरीदने और रिचार्ज खर्च के लिए वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से सरकार के लगभग सभी विभागों में कार्यरत कई स्तर के पदाधिकारियों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री द्वारा संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद अब यह योजना लागू की जाएगी।
क्या है योजना का उद्देश्य?
राज्य सरकार के इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में तकनीकी दक्षता बढ़ाना और संचार व्यवस्था को मजबूत करना है। डिजिटल गवर्नेंस के बढ़ते महत्व को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की गई है ताकि कर्मचारी अपने मोबाइल डिवाइस के माध्यम से सरकारी कार्यों को सुगमता से निष्पादित कर सकें।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
संशोधित प्रस्ताव के तहत अब पे-मैट्रिक्स लेवल-9 (जिसका ग्रेड पे 5400 है) के नीचे आने वाले सभी राजपत्रित पदाधिकारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इनमें निम्नलिखित पदों के अधिकारी शामिल हैं:
- प्रशाखा पदाधिकारी
- जिला मत्स्य पदाधिकारी
- जिला गव्य विकास पदाधिकारी
- जिला खनन पदाधिकारी
- सहायक अभियोजन पदाधिकारी
- सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा)
- अन्य समकक्ष स्तर के पदाधिकारी
क्या मिलेगा कर्मचारियों को?
राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत संशोधन के अनुसार:
- मोबाइल खरीदने के लिए अधिकतम 25,000 रुपए तक की राशि दी जाएगी।
- प्रत्येक माह 500 रुपए का मोबाइल रिचार्ज भत्ता भी मिलेगा।
पहले क्या था, अब क्या हुआ?
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 24 जुलाई को कैबिनेट द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें मंत्री स्तर से लेकर राजपत्रित अधिकारियों को मोबाइल और रिचार्ज की सुविधा देने की घोषणा हुई थी। इसके बाद वित्त विभाग ने 30 जुलाई 2024 को अधिसूचना जारी कर इसे लागू किया था। उस समय मोबाइल खरीद के लिए 30,000 रुपए और रिचार्ज के लिए प्रति माह 750 रुपए निर्धारित किए गए थे।
हालांकि वित्त विभाग ने 28 मार्च 2025 को कार्यपालक आदेश के माध्यम से पे-मैट्रिक्स लेवल-9 के पदाधिकारियों को दी जा रही सुविधा को स्थगित कर दिया था, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी उत्पन्न हो गई थी। झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी।
सरकार ने मानी कर्मचारियों की मांग
कर्मचारी संघों के विरोध और मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पूर्व में स्थगित की गई सुविधा को संशोधित स्वरूप में पुनः लागू करने का निर्णय लिया है। अब पहले की तुलना में राशि को थोड़ा घटाया गया है, लेकिन अधिक अधिकारियों को शामिल करते हुए इसका दायरा बढ़ाया गया है।
निष्कर्ष
यह फैसला झारखंड सरकार की उस नीति को दर्शाता है, जिसके तहत वह प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाना चाहती है। मोबाइल और इंटरनेट रिचार्ज की यह सुविधा न केवल कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगी बल्कि शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और गति भी लाएगी।