नई दिल्ली/रांची

झारखंड में 26,001 सहायक आचार्य पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और जेएसएससी (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) को फटकार लगाते हुए एक महीने के भीतर परीक्षा परिणाम जारी करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो मुख्य सचिव और आयोग सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

यह निर्देश बुधवार को परिमल कुमार और अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि पहले भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा परीक्षा परिणाम जारी करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सरकार और आयोग ने उसका अनुपालन नहीं किया।

सीटेट अभ्यर्थियों की याचिका खारिज, 5 लाख का जुर्माना

इसी मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया, जिन्होंने सीटेट (CTET) और अन्य राज्यों के टेट पास होने के आधार पर पुनः परीक्षा में शामिल होने की मांग की थी। अदालत ने अरविंद कुमार ठाकुर सहित याचिकाकर्ताओं की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज करते हुए उन पर पाँच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस तरह की याचिकाएं न्यायालय का समय नष्ट करती हैं।

सरकार के रुख में बदलाव, फिर भी रुका है परिणाम

सुनवाई के दौरान सामने आया कि राज्य सरकार ने पहले यह संकेत दिया था कि वह सहायक आचार्य नियुक्ति की प्रक्रिया को वापस लेने पर विचार कर रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद, सरकार ने अपना रुख बदला और एक शपथ पत्र में कहा कि परिणाम जल्द जारी किया जाएगा। इसके बावजूद, अब तक परिणाम प्रकाशित नहीं हुआ है, जिससे याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट की अवमानना की अर्जी दी।

पारा शिक्षकों को अब नहीं मिलेगी राहत

झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पारा शिक्षकों को पूर्व में दी गई छूट को समाप्त कर दिया गया है। अब पारा और गैर-पारा सभी अभ्यर्थियों को समान मापदंड पर मूल्यांकन किया जाएगा। परीक्षा में न्यूनतम क्वालिफाइंग अंकों के आधार पर ही परिणाम तय होंगे।

परीक्षा प्रक्रिया और विवाद

सहायक आचार्य के 26,001 पदों के लिए परीक्षा जून 2024 में शुरू हुई थी। पहले इंटर प्रशिक्षित और फिर स्नातक प्रशिक्षित पदों की परीक्षा क्रमशः 12 जून और 23 जून को आयोजित की गई थी। हिंदी विषय की परीक्षा अप्रैल के अंत और मई के पहले सप्ताह में आयोजित की गई थी। कुछ विषयों – पंचपरगनिया, कुरमाली और उर्दू – की परीक्षा तकनीकी कारणों से रद्द कर दी गई थी, जिनकी पुनर्परीक्षा 28 मई को आयोजित की गई।

53,604 आवेदन रद्द, 1,196 आवेदन बहाल

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सीटेट और अन्य राज्यों के टेट पास अभ्यर्थियों के 53,604 आवेदन रद्द कर दिए गए। वहीं, पहले रद्द किए गए 1,196 अभ्यर्थियों के आवेदन पुनर्बहाल किए गए। यह निर्णय 22 अक्टूबर 2023 के बाद किए गए आवेदनों के मूल्यांकन के बाद लिया गया।

निष्कर्ष:

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश झारखंड में सहायक आचार्य बनने की तैयारी कर रहे हजारों अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत है। अब राज्य सरकार और आयोग पर जिम्मेदारी है कि समय रहते निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परिणाम जारी करें, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में और देर न हो।

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