घटना पश्चिमी सिंहभूम जिले के जराइकेला थाना क्षेत्र की
झारखंड में नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया। पश्चिमी सिंहभूम जिले के राधापोरा इलाके में शनिवार को नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर दिया। इस हमले में झारखंड जगुआर के कांस्टेबल सुनील धान की मौत हो गई, जबकि कोबरा बटालियन 203 के जवान विष्णु सैनी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
सर्च ऑपरेशन के दौरान हुआ हमला
पुलिस के मुताबिक छोटानगरा और जराइकेला थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों में सुरक्षाबल नक्सल रोधी सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर पहले गोलीबारी की और फिर आईईडी विस्फोट किया। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला, लेकिन नक्सली घने जंगलों का फायदा उठाकर फरार हो गए।
घायल जवानों को रांची किया गया रेफर
कोल्हान रेंज के डीआईजी मनोज रतन चोथे ने बताया कि हमले में घायल दोनों जवानों को बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा गया था। झारखंड जगुआर के कांस्टेबल सुनील धान ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि कोबरा बटालियन के विष्णु सैनी की हालत गंभीर बनी हुई है।
नक्सलियों के खिलाफ जारी है ऑपरेशन
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, राधापोरा और उसके आसपास के इलाकों में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। अब तक कई आईईडी बम को डिफ्यूज किया जा चुका है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
नक्सली हिंसा झारखंड के लिए बना गंभीर चुनौती
झारखंड में नक्सलियों की सक्रियता कई जिलों में अब भी बनी हुई है, खासकर पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा, लातेहार, गढ़वा और पलामू में। सरकार और सुरक्षाबलों द्वारा बार-बार सख्त अभियान चलाने के बावजूद नक्सली हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो राज्य के आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।
1. झारखंड में बढ़ते नक्सली हमले: क्या है सरकार की रणनीति?
सारांश:
झारखंड में नक्सली घटनाएं एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। पिछले कुछ महीनों में कई जिलों में माओवादी गतिविधियों की पुनरावृत्ति देखी गई है। सरकार ने इसके लिए बहुस्तरीय रणनीति बनाई है जिसमें आधुनिक तकनीक, ड्रोन सर्विलांस, और विशेष बलों की तैनाती शामिल है। पुलिस और CRPF की संयुक्त कार्रवाइयों से कई क्षेत्रों को नक्सलियों से मुक्त भी किया गया है।
2. कोबरा बटालियन: माओवादियों के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार
सारांश:
कोबरा (COBRA – Commando Battalion for Resolute Action) बटालियन CRPF की विशेष इकाई है, जिसे जंगलों में गुरिल्ला युद्ध और नक्सली इलाकों में ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यह बटालियन नक्सल प्रभावित राज्यों जैसे झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बड़े स्तर पर तैनात है और कई सफल अभियानों का नेतृत्व कर चुकी है।
3. आईईडी विस्फोट क्या होता है और इससे बचाव कैसे संभव है?
सारांश:
आईईडी (Improvised Explosive Device) एक स्वनिर्मित विस्फोटक उपकरण होता है, जिसे आमतौर पर सड़कों, रास्तों या जंगलों में छिपाकर लगाया जाता है। यह माओवादी हमलों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला हथियार बन गया है। आधुनिक सुरक्षा बल मेटल डिटेक्टर, बॉम्ब डिस्पोज़ल यूनिट और डॉग स्क्वॉड के माध्यम से इनका पता लगाने और निष्क्रिय करने का प्रयास करते हैं।
4. झारखंड में नक्सली नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में पुलिस की रणनीति
सारांश:
राज्य पुलिस की विशेष शाखा और खुफिया एजेंसियाँ नक्सलियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए सतत अभियान चला रही हैं। इसमें सूचना एकत्र करना, सहयोगियों की गिरफ्तारी, और गांवों में जागरूकता अभियान जैसे कदम शामिल हैं। पुलिस अब ग्रामीणों को साथ लेकर जमीनी स्तर पर नक्सल प्रभाव को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।