झारखंड में 11 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के स्थगित होने की आशंका बढ़ गई है। अभी तक परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए हैं, जिससे छात्रों और अभिभावकों में चिंता बढ़ रही है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली होने के कारण यह संकट गहराता जा रहा है।
प्रशासनिक अड़चनों के कारण परीक्षाओं पर संकट
राज्य सरकार को JAC अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति करनी है, लेकिन यह पद 18 जनवरी से खाली पड़े हैं। यदि सरकार 4 फरवरी तक नियुक्ति का आदेश जारी भी करती है, तो नए अध्यक्ष 5 फरवरी को पदभार ग्रहण करेंगे। ऐसे में 6 फरवरी से पहले एडमिट कार्ड जारी होना मुश्किल है।
मैट्रिक परीक्षा में 4.33 लाख और इंटरमीडिएट परीक्षा में 3.50 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होने वाले हैं। कुल 7.83 लाख विद्यार्थियों को केवल 5 दिनों में एडमिट कार्ड डाउनलोड करने का अवसर मिल पाएगा, जो एक कठिन प्रक्रिया होगी।
परीक्षा स्थगित होने से उठ सकते हैं नए सवाल
अगर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाई जाती है, तो कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। पहले ही JAC द्वारा प्रश्नपत्रों की छपाई और आपूर्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ये प्रश्नपत्र जिलों तक पहुंच भी चुके हैं और इन पर परीक्षा की तय तिथियां अंकित हैं। अगर परीक्षा स्थगित होने के बावजूद इन्हीं प्रश्नपत्रों का उपयोग किया जाता है, तो इस पर सवाल उठ सकते हैं।
पहले भी स्थगित हो चुकी हैं परीक्षाएं
इससे पहले 28 जनवरी को आठवीं और 29-30 जनवरी को नौवीं की परीक्षाएं स्थगित की गई थीं। ऐसे में अब मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है।
क्या हो सकता है आगे का फैसला?
राज्य सरकार की ओर से जल्द से जल्द JAC अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति होने पर ही परीक्षाओं को तय समय पर आयोजित करने की संभावना बनेगी। यदि देरी होती है, तो परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। अब सभी की नजरें सरकार और JAC प्रशासन के फैसले पर टिकी हैं।