रांची: झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जोन्हा और हुंडरू जलप्रपातों पर जल्द ही रोपवे की सुविधा शुरू की जाएगी। इस पहल से पर्यटक न केवल इन जलप्रपातों की अद्भुत खूबसूरती का आनंद ले सकेंगे, बल्कि क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को एक नए नजरिए से देखने का भी अनुभव प्राप्त करेंगे।
राइट्स लिमिटेड के अध्ययन में मिली स्वीकृति
रेल मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत राइट्स लिमिटेड ने झारखंड के पांच प्रमुख स्थलों—जोन्हा, हुंडरू, दशम, कौलेश्वरी और रांची पहाड़ी मंदिर—में रोपवे निर्माण की संभावना का अध्ययन किया था। इस अध्ययन में पाया गया कि जोन्हा और हुंडरू जलप्रपात तकनीकी और भौगोलिक दृष्टि से रोपवे निर्माण के लिए सबसे अनुकूल हैं।
अध्ययन की रिपोर्ट के आधार पर राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेलकूद विभाग ने इन दोनों स्थानों पर रोपवे परियोजना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की स्वीकृति प्रदान की है।
पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
रोपवे परियोजना के कार्यान्वित होने से झारखंड के पर्यटन उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। जोन्हा और हुंडरू जलप्रपात पहले से ही पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं, और रोपवे की सुविधा इन स्थलों के आकर्षण को और बढ़ा देगी।
पर्यटक ऊंचाई से इन जलप्रपातों और आसपास के घने जंगलों का अद्भुत नजारा देख सकेंगे। इसके साथ ही, यह परियोजना स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।
झारखंड को मिलेगा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान
यह परियोजना झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। रोपवे की सुविधा न केवल पर्यटकों के अनुभव को समृद्ध करेगी, बल्कि राज्य सरकार की पर्यटन नीति को भी बल देगी।
इस पहल से झारखंड की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान मिलेगी।
अन्य स्थलों पर भी हो सकता है विस्तार
हालांकि, राइट्स लिमिटेड के अध्ययन में दशम, कौलेश्वरी और रांची पहाड़ी मंदिर में रोपवे निर्माण को अभी अनुकूल नहीं माना गया है, लेकिन भविष्य में इन स्थलों पर भी पर्यटन विकास की संभावना तलाशने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
राज्य सरकार का विजन
राज्य सरकार ने झारखंड को एक प्रमुख पर्यटक स्थल बनाने के उद्देश्य से इस तरह की परियोजनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। रोपवे निर्माण जैसी योजनाएं राज्य की प्राकृतिक संपदा को एक नया आयाम देंगी और झारखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
(राष्ट्रीय संवाददाता, रांची)