झारखंड सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना के तहत राज्यभर के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए 1.40 अरब रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है। इस राशि का उपयोग जिला अस्पतालों से लेकर उपकेंद्रों तक की इमारतों की मरम्मत, संचालन और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में किया जाएगा।
किस-किस स्तर पर होगी व्यवस्था
इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम)/स्वास्थ्य उपकेंद्रों को शामिल किया गया है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य है कि स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, बिजली-पानी, अग्निशमन, सुरक्षा और सौंदर्यीकरण की समुचित व्यवस्था हो सके।
योजना में क्या-क्या होगा शामिल?
स्वीकृत योजना के तहत निम्नलिखित कार्य कराए जाएंगे:
- अस्पताल भवनों की मरम्मत, रंग-रोगन, छत, दीवारों, खिड़कियों आदि का सुदृढ़ीकरण
- बिजली और पेयजल की सुनिश्चित आपूर्ति
- साफ-सफाई, शौचालयों की व्यवस्था, तथा बायो मेडिकल वेस्ट का उचित प्रबंधन
- मरीजों और परिजनों के लिए बैठने की सुविधा
- आवश्यक चिकित्सा उपकरण, दवाएं, रेफ्रिजरेटर, सोलर लाइट, अग्निशमन प्रणाली की स्थापना
- अस्पताल परिसर में पौधारोपण और बागवानी
अलग-अलग अस्पतालों के लिए अलग रंग कोड
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, हर प्रकार के अस्पताल के बाहरी रंग निर्धारित कर दिए गए हैं, जिससे भवन की पहचान आसान हो और व्यवस्था एकरूप दिखे:
- सदर अस्पताल – सफेद
- अनुमंडल अस्पताल – हल्का पीला
- सीएचसी – हल्का गुलाबी
- पीएचसी – हल्का नीला
- एएएम/स्वास्थ्य उपकेंद्र – येलो मैटेलिक
संस्थानवार वार्षिक निधि आवंटन
सरकार ने हर प्रकार के स्वास्थ्य संस्थानों के लिए वार्षिक और आवधिक खर्च की सीमा तय की है:
चिकित्सा संस्थान | वार्षिक अनाबद्ध निधि |
सदर अस्पताल | ₹75 लाख |
अनुमंडल अस्पताल | ₹50 लाख |
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र | ₹10 लाख |
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र | ₹5 लाख |
स्वास्थ्य उपकेंद्र/एएएम | ₹2 लाख |
सरकार का उद्देश्य और उम्मीदें
स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से स्वास्थ्य केंद्रों की आधारभूत संरचना बेहतर होगी, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बेहतर इलाज की सुविधा सुनिश्चित हो सकेगी। इसके साथ ही, अस्पताल परिसरों की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा, जिससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों दोनों का अनुभव बेहतर हो पाएगा।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना के माध्यम से झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में ठोस पहल की है। यह योजना न केवल भवनों के भौतिक स्वरूप को बदलने का कार्य करेगी, बल्कि यह व्यवस्था को टिकाऊ और प्रभावी बनाने का प्रयास भी है। आने वाले समय में इसका लाभ आम जनता तक सीधे रूप से पहुंचेगा।