झारखंड सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। अब वे भी डॉक्टर, इंजीनियर, IAS, और IPS बनने का सपना बिना किसी आर्थिक दबाव के देख सकते हैं। सरकार एक फ्री आवासीय कोचिंग योजना की शुरुआत करने जा रही है, जिसमें छात्रों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ हॉस्टल, किताबें और भोजन की पूरी व्यवस्था भी दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का ऐलान: 10 माह की पूरी कोचिंग नि:शुल्क
जमशेदपुर में एक कार्यक्रम के दौरान झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कोचिंग 10 महीने की होगी और इसका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। कोचिंग में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के रहने, खाने और अध्ययन सामग्री की भी पूरी व्यवस्था मुफ्त में की जाएगी।
मेधा के आधार पर मिलेगा दाखिला, मेडिकल-इंजीनियरिंग और सिविल सेवा की तैयारी
इस योजना के तहत योग्य विद्यार्थियों को मेधा के आधार पर चयनित किया जाएगा। उन्हें मेडिकल (NEET), इंजीनियरिंग (JEE) के साथ-साथ IAS और IPS जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाएगी। यह कोचिंग केंद्र आवासीय होगा, यानी छात्रों को अलग से कहीं रहने या खाने की व्यवस्था नहीं करनी होगी।
सरकार का लक्ष्य: झारखंड से तैयार हों योग्य अधिकारी और पेशेवर
शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड को अब सिर्फ संसाधनों की नहीं, बल्कि योग्य डॉक्टरों, इंजीनियरों और प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस योजना को तैयार किया गया है, ताकि राज्य के अंदर ही प्रतिभाओं को निखारा जा सके।
विदेश शिक्षा योजना का विस्तार: अब हर साल 50 विद्यार्थी जाएंगे विदेश
रामदास सोरेन ने यह भी ऐलान किया कि अब झारखंड सरकार हर साल 50 छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजेगी। पहले यह संख्या 25 थी, जिसे दोगुना कर दिया गया है। एक विद्यार्थी की पढ़ाई पर लगभग 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे और संपूर्ण खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
हर जिले में खुलेंगे कृषि महाविद्यालय
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में शिक्षा के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत अब झारखंड के हर जिले में कृषि महाविद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही एक नया कृषि विश्वविद्यालय भी जल्द ही स्थापित किया जाएगा।
हेमंत सोरेन सरकार की दूरदर्शी नीति: शिक्षा से राज्य का विकास
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार ने शिक्षा को अपने विकास के केंद्र में रखा है। सरकार मानती है कि अगर बच्चे शिक्षा में आगे बढ़ेंगे, तो राज्य भी तरक्की करेगा। इसलिए अधिक से अधिक कौशलयुक्त और रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने पर जोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष: शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की ओर झारखंड
झारखंड सरकार की यह योजना उन छात्रों के लिए एक नया रास्ता खोलेगी, जो सपने तो बड़े देखते हैं लेकिन संसाधनों की कमी से पीछे रह जाते हैं। अब राज्य के अंदर ही उन्हें वो सारी सुविधाएं मिलेंगी जो देश के बड़े शहरों में मिलती हैं – और वह भी पूरी तरह मुफ्त।