रांची
देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसका असर झारखंड में भी दिखने लगा है। राज्य की राजधानी रांची में हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। जहां पहले केवल एक संक्रमित मरीज था, वहीं अब यह संख्या बढ़कर तीन हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि इनमें से दो मामले हाल ही में अन्य राज्यों से लौटे लोगों में मिले हैं।
तीन नए मामलों में दो अस्पताल में भर्ती
पहले मरीज की पहचान 24 मई को हुई थी, जो लोहरदगा से हैं और हाल ही में महाराष्ट्र से लौटे थे। उन्हें सेंटेविटा अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां डॉ. मोहित नारायण की देखरेख में इलाज हो रहा है। बाकी दो मरीजों की पुष्टि एक निजी प्रयोगशाला में सोमवार रात को हुई। इनमें एक 61 वर्षीय पुरुष हैं, जो कोयंबटूर और महाराष्ट्र से लौटकर आए थे। उनका सैंपल घर से ही लिया गया था। वहीं दूसरी मरीज 21 वर्षीय महिला हैं, जो रांची की स्थानीय निवासी हैं और कहीं बाहर यात्रा पर नहीं गई थीं। उन्हें सैंफोर्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
संक्रमण का कारण बना JN.1 वेरिएंट, विशेषज्ञों की चेतावनी
प्रयोगशाला की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. पूजा सहाय ने बताया कि इन मामलों में पाए गए वायरस का प्रकार JN.1 वेरिएंट है, जो ओमिक्रोन का ही एक सब-वेरिएंट है। यह वेरिएंट अधिक संक्रामक माना जा रहा है। इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं — जैसे बुखार, सर्दी, खांसी और थकावट — लेकिन संक्रमण की गति तेज हो सकती है। डॉ. सहाय ने जनता से अपील की है कि कोविड के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराएं, मास्क पहनें, भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
सरकार सतर्क, स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार केंद्र की ओर से जारी होने वाली नई गाइडलाइंस का इंतजार कर रही है और जैसे ही दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मंत्री ने यह भी बताया कि सदर अस्पताल सहित सभी प्रमुख चिकित्सा केंद्रों को सतर्क कर दिया गया है और आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अनुमंडल अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी स्तर पर भी आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
झारखंड में कोरोना संक्रमण की वापसी को देखते हुए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। JN.1 वेरिएंट के तेजी से फैलने की आशंका को देखते हुए प्रशासन और आमजन दोनों को मिलकर कदम उठाने की जरूरत है। नियमित मास्क पहनना, टेस्टिंग कराना और भीड़ से दूरी बनाए रखना अब भी उतना ही जरूरी है, जितना पहले था।