रांची
झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जांच के तहत राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे के साले समेत पांच करीबी सहयोगियों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। ACB द्वारा यह कदम चौबे पर दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में मिली नई सूचनाओं के आधार पर उठाया गया है।
जिन्हें नोटिस भेजा गया, उनमें ये प्रमुख नाम शामिल हैं:
- शिपिज त्रिवेदी (विनय चौबे के साले)
- विनय कुमार सिंह (नेक्सजेन कंपनी के संचालक)
- धनंजय शर्मा (चार्टर्ड अकाउंटेंट)
- उपेंद्र शर्मा (वित्तीय सहयोगी)
- उमाशंकर सिंह (श्रीलैब बोटलर्स से जुड़ा शराब कारोबारी)
सूत्रों के अनुसार, इन सभी व्यक्तियों से इसी सप्ताह अलग-अलग समय पर पूछताछ की जाएगी। ACB के पास इन पांचों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और कथित रूप से शेल कंपनियों के ज़रिए अवैध धन निवेश से जुड़ी पुख्ता जानकारियां हैं।
शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश का आरोप
ACB की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विनय चौबे ने उत्पाद विभाग और जेएसबीसीएल के एमडी रहते हुए कई एजेंसियों को नियमविहीन लाभ पहुंचाया। जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने अपने कुछ करीबी लोगों के नाम पर शेल कंपनियां स्थापित कराईं, जिनके ज़रिए अवैध कमाई को वैध निवेश में तब्दील करने की कोशिश की गई। इन कंपनियों के वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी उपेंद्र शर्मा और धनंजय शर्मा पर थी।
उमाशंकर सिंह की पुरानी पकड़ भी जांच के दायरे में
उमाशंकर सिंह के बारे में जानकारी मिली है कि वह वर्षों से उत्पाद विभाग में मजबूत पकड़ बनाए हुए थे। सूत्र बताते हैं कि विभागीय निर्णयों और ठेकों में उनका अप्रत्यक्ष प्रभाव रहा है।
ईडी की जांच में भी नाम सामने आ चुके
गौरतलब है कि ये सभी नाम पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच सूची में शामिल रहे हैं। वर्ष 2024 में ईडी द्वारा विनय चौबे के ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान उनके साले शिपिज त्रिवेदी, कारोबारी उमाशंकर सिंह और अन्य के परिसरों पर भी छापे मारे गए थे। ईडी को इन छापों में कई अहम दस्तावेज मिले थे, जो अब ACB की जांच को दिशा देने का काम कर रहे हैं।
ACB की जांच से और खुलासों की उम्मीद
झारखंड में हालिया वर्षों में सामने आए शराब घोटाले और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर ACB की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। विनय चौबे के खिलाफ कार्रवाई को राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़ी पहल माना जा रहा है। आने वाले दिनों में पूछताछ के बाद कई अन्य अधिकारियों और व्यापारिक समूहों के नाम भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।