रांची: झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। एचईसी आवासीय परिसर और उसके आस-पास के इलाकों में वर्षों से जमे अवैध ढांचों पर बुलडोजर चला। इस अभियान में कई अस्थाई दुकानों और झोपड़ियों को हटाया गया, जिससे स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया।

प्रशासन ने क्यों चलाई यह कार्रवाई?

एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन) प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बताया कि लंबे समय से परिसर की जमीन पर अस्थाई कब्जा कर दुकानें और झुग्गियां बनाई जा रही थीं। इससे न केवल ट्रैफिक बाधित हो रहा था, बल्कि सुरक्षा और साफ-सफाई को लेकर भी कई शिकायतें मिल रही थीं। पूर्व में नोटिस दिए जाने के बावजूद जब अतिक्रमण नहीं हटा, तब कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

कहाँ हुई कार्रवाई?

  • सेक्टर-2 पेट्रोल पंप के पास कई दुकानों को हटाया गया
  • साइड फाइव बाइपास रोड के किनारे बने झोपड़ीनुमा घर भी ध्वस्त किए गए
  • एचईसी कॉलोनी का प्रमुख हिस्सा बुलडोजर अभियान की चपेट में आया

विरोध और हालात

कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण करने वाले कई दुकानदारों ने विरोध किया। कई परिवारों ने घर और दुकानों का सामान बचाने की कोशिश की, लेकिन बुलडोजर की रफ्तार के आगे किसी की नहीं चली। प्रशासनिक टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, जिससे मौके पर किसी प्रकार की हिंसा या टकराव नहीं हुआ।

क्या कह रहा है प्रशासन?

प्रशासन का साफ कहना है कि अवैध अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एचईसी की जमीन सरकारी संपत्ति है और इसका उपयोग कंपनी की जरूरतों के लिए तय है। बार-बार चेतावनी के बावजूद कब्जा हटाया नहीं गया, इसलिए यह कदम उठाया गया।

स्थानीय लोगों में रोष

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय दुकानदारों और झुग्गी निवासियों में गुस्सा है। उनका कहना है कि बारिश के मौसम से पहले उनका आशियाना उजड़ गया और उन्हें अब रहने और काम करने की जगह नहीं बची।

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