झारखंड के पलामू जिले से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, जहां हैदरनगर थाना क्षेत्र के हेमजा गांव में भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। शनिवार की देर रात तेज आंधी के बीच अचानक लगी आग ने कुछ ही पलों में पांच घरों को अपनी चपेट में ले लिया। इस भयावह अग्निकांड में एक युवक की जान चली गई और कई मवेशी भी झुलस गए।

आंधी के साथ उड़ी चिंगारी बनी तबाही का कारण

जानकारी के अनुसार, शनिवार की रात लगभग 12 बजे के आसपास तेज आंधी चलने लगी थी। उसी दौरान किसी घर से निकली चिंगारी ने तेजी से पास के अन्य घरों को अपनी जद में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पांच घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। लोगों के बीच चीख-पुकार मच गई, लेकिन आग पर काबू पाना बेहद मुश्किल साबित हुआ।

दमकल विभाग की देरी से बढ़ा नुकसान

ग्रामीणों ने तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचना दी, लेकिन दमकल वाहन के पहुंचने में करीब ढाई घंटे का समय लग गया। इस देरी के कारण आग ने भारी तबाही मचा दी। जब तक दमकल की टीम मौके पर पहुंची, तब तक कई घर खाक हो चुके थे और एक युवक की दर्दनाक मौत हो चुकी थी। वहीं, कई मवेशी गंभीर रूप से झुलस गए।

गांव में पसरा मातम

अग्निकांड के बाद हेमजा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। जिन परिवारों के घर जलकर राख हो गए हैं, वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। आग से जलकर नष्ट हुए घरों में रखा सारा सामान — अनाज, कपड़े, जरूरी दस्तावेज — सबकुछ खाक हो गया। स्थानीय प्रशासन की ओर से घटनास्थल का जायजा लिया गया है और प्रभावित परिवारों को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रशासनिक कार्रवाई और सहायता का भरोसा

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। पीड़ित परिवारों को अस्थायी आवास और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही मृतक युवक के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया गया है। जिला प्रशासन ने दमकल विभाग की देरी की जांच कराने की बात भी कही है।

निष्कर्ष

पलामू की यह घटना एक बार फिर से आपदा प्रबंधन प्रणाली की तैयारियों पर सवाल उठाती है। तेज आंधी और आग जैसी आपदाओं से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली की जरूरत को महसूस किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और समय पर सहायता पहुँचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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