कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के हालिया बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर उनके द्वारा दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सांसद निशिकांत दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दुबे ने सिद्धारमैया के बयान पर सवाल उठाते हुए उन्हें देशभक्त या देशद्रोही के रूप में पेश किया। आइए इस बयान और उसके बाद हुए सियासी विवाद को विस्तार से समझते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले पर सिद्धारमैया का बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि पहलगाम आतंकी हमला सुरक्षा चूक का परिणाम था और युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान से युद्ध के पक्ष में नहीं हैं।” इसके बजाय, उन्हें लगता है कि कड़े कदम उठाने के साथ सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
सिद्धारमैया का यह बयान उस समय आया जब केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच इस हमले को लेकर तीखी बयानबाजी हो रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं, क्योंकि वह इस समय बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे थे, जबकि उन्हें पहलगाम आतंकी हमले पर गंभीर रूप से ध्यान देना चाहिए था।
निशिकांत दुबे का जवाब: देशभक्त या देशद्रोही?
इस बयान पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सिद्धारमैया के बयान को आलोचना करते हुए कहा, “क्या सिद्धारमैया देशभक्त हैं या देशद्रोही? यह लोगों को खुद पता करना चाहिए।” दुबे का कहना था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य पार्टी नेता, जो सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं, उन्हें भी इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।
दुबे ने कहा, “मैं राहुल गांधी से इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहता। मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर पूरा विश्वास है। अगर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आतंकवाद को मिट्टी में मिला देंगे, तो वह सच में मिट्टी में मिल जाएगा।”
पाकिस्तान से जुड़ी शादियों पर विवादित टिप्पणी
निशिकांत दुबे ने पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में रहने और उनके भारतीय नागरिकों से शादी करने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “क्या यह सच्चाई नहीं है? क्या आपने वाघा बॉर्डर पर नहीं देखा?” उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में पाकिस्तानी लड़कियां भी रहती हैं और पाकिस्तानी लड़के भी भारतीय नागरिकों से शादी करने के लिए आते हैं।
यह बयान और आरोप राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को और बढ़ाते हैं, और इसने विपक्षी नेताओं के बीच भी असहमति पैदा कर दी है।
सिद्धारमैया का जवाब
सिद्धारमैया ने दुबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय थी और वह अपनी पार्टी की नीतियों से अलग नहीं हैं। उन्होंने दुबे के बयान को अस्वीकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी हमेशा शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में रही है और किसी भी तरह के युद्ध को टालने की कोशिश करती है।
निष्कर्ष
निशिकांत दुबे और सिद्धारमैया के बीच यह राजनीतिक विवाद देश की सुरक्षा और विदेश नीति के विषयों पर एक महत्वपूर्ण बहस का कारण बन सकता है। जहां एक ओर दुबे ने सिद्धारमैया के बयान को देशद्रोही करार दिया, वहीं दूसरी ओर सिद्धारमैया ने अपने बयान को देश की सुरक्षा के संदर्भ में जरूरी कदम उठाने की जरूरत के रूप में पेश किया। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है, और अब यह देखना होगा कि यह मुद्दा आगामी चुनावों और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर किस तरह का प्रभाव डालता है।