भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को एक कार्यक्रम में विवादित बयान देते हुए पाकिस्तानियों से शादियां करने वाले भारतीय नागरिकों पर जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों को देखते हुए ऐसी शादियों के पीछे के इरादों को बारीकी से देखे जाने की आवश्यकता है। उनका यह बयान उस समय आया जब उन्होंने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर गहरी चिंता जताई थी। साथ ही, उन्होंने यह दावा किया कि कश्मीर जल्द ही भारत में वापस आ जाएगा और पाकिस्तान का बंटवारा होने वाला है।

कश्मीर की भारत में वापसी और पाकिस्तान का बंटवारा

निशिकांत दुबे ने कहा कि कश्मीर हमारा है और हम इसे वापस लाकर रहेंगे। उनका यह बयान उनके पार्टी के नेताओं द्वारा कश्मीर के संदर्भ में उठाए गए रुख का समर्थन करता है, जिसमें भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाकर राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया था। इसके अलावा, दुबे ने पाकिस्तान के भविष्य को लेकर एक कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के कई टुकड़े हो जाएंगे- बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान और पंजाब। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आप कह सकते हैं कि भाजपा ने झूठा आश्वासन दिया। यह पीएम मोदी की गारंटी है।”

शादियों पर उठाए सवाल

निशिकांत दुबे ने सुरक्षा चिंताओं के संदर्भ में पाकिस्तानी नागरिकों और भारतीय नागरिकों के बीच शादियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “दुश्मन देश के किसी व्यक्ति से विवाह क्यों किया जाए?” उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए इसकी जांच की आवश्यकता पर बल दिया। दुबे ने आगे कहा, “जिन लोगों ने हमारे लोगों की हत्या में पाकिस्तान को सपोर्ट किया या जिन्होंने भारतीयों से शादी करने के नाम पर उन्हें सपोर्ट किया, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।”

पाकिस्तान से जुड़े आतंकी गतिविधियों पर चिंता

निशिकांत दुबे ने हाल ही में पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने के घटनाक्रम का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ बढ़ते हुए संबंधों को देखते हुए भारत को अपनी सुरक्षा नीति में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, दुबे ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ रिश्ते होने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-बांग्लादेश बॉर्डर को सुरक्षित किया जाना चाहिए।

गंगा जल संधि पर विवाद

निशिकांत दुबे ने बांग्लादेश के साथ हुए जल बंटवारे के समझौतों पर भी सवाल उठाए। विशेष रूप से, उन्होंने 1996 में कांग्रेस सरकार द्वारा साइन की गई गंगा जल संधि को गलत बताया। उनका कहना था कि इस समझौते से भारत के जल संसाधनों को नुकसान हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस मुद्दे पर बार-बार चिंता जताए जाने की बात भी उन्होंने उठाई। दुबे ने कहा कि बांग्लादेश से जल समझौते के मामले में सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि भारत के जल संसाधनों की रक्षा की जा सके।

निष्कर्ष

निशिकांत दुबे का बयान विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित था, जिसमें पाकिस्तान से शादियों की जांच, कश्मीर की भारत में वापसी, पाकिस्तान का बंटवारा और भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा शामिल हैं। हालांकि उनका बयान विवादास्पद है और इसे आलोचना का सामना भी करना पड़ सकता है, लेकिन उन्होंने अपनी बात को राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत के हितों से जोड़ते हुए स्पष्ट किया है। ऐसे में उनके बयान का प्रभाव आगामी राजनीतिक और सुरक्षा रणनीतियों पर पड़ सकता है, और यह मुद्दे संसद में भी चर्चा का कारण बन सकते हैं।

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