रांची, 23 अप्रैल 2025
झारखंड सरकार के वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बुधवार को सूचना भवन सभागार में आयोजित वाणिज्य कर विभाग की प्रेस वार्ता में राज्य के राजस्व संग्रहण की स्थिति, उपलब्धियों और आगामी कार्य योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। वार्ता की शुरुआत में पहलगाम की घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन रखा गया।
राजस्व संग्रहण के प्रमुख आँकड़े:
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में वाणिज्य कर विभाग ने 26,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 22,292.25 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण किया है, जो कि 85.74% है।
- पेशा कर से निर्धारित 88 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 102.40 करोड़ रुपये की वसूली हुई, यानी 116.36% प्रदर्शन।
- SGST से निर्धारित 15,375 करोड़ के विरुद्ध 14,210.10 करोड़ रुपये का संग्रहण (92.42%)।
- VAT के अंतर्गत 9,124 करोड़ के विरुद्ध 6,618.51 करोड़ रुपये (72.54%) की प्राप्ति।
- JED के तहत 1,413 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 1,361.24 करोड़ रुपये की वसूली (96.34%)।
पिछले पांच वर्षों में राजस्व वृद्धि:
- वित्त मंत्री ने बताया कि 2019-20 में 14,286.27 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण हुआ था, जबकि 2024-25 में यह बढ़कर 22,292.25 करोड़ रुपये हो गया है — 56.04% की वृद्धि।
- SGST में भी पिछले पांच वर्षों में 42.82% की वृद्धि दर्ज की गई है।
राजस्व समीक्षा की नीति:
- FRBM अधिनियम के तहत अब सभी विभागों को तीन माह में एक बार राजस्व संग्रहण की समीक्षा करनी होगी।
- वित्त मंत्री छह महीने में एक बार समीक्षा करेंगे।
- सभी प्रमंडलों का दौरा कर अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा और पिछड़े प्रमंडलों को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
PL अकाउंट की समीक्षा:
- PL अकाउंट में 2010 से पार्क की गई राशि को लेकर विभाग गंभीर है और इसकी संवेदनशीलता से समीक्षा की जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य:
- SGST: 15,500 करोड़ रुपये
- VAT: 9,310 करोड़ रुपये
- JPT: 90 करोड़ रुपये
- JED: 1,600 करोड़ रुपये
- कुल राजस्व लक्ष्य: 26,500 करोड़ रुपये
वित्तीय अनुशासन और विकास योजनाएं:
- वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रैल के अंत तक या 7 मई तक सभी योजनाओं के अंतर्गत जिलों को राशि आवंटित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि विकास कार्य बाधित न हो।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1,31,234.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसमें से 1,18,279.69 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
वाणिज्य कर विभाग की नई पहल:
- System Integrator (SI) के चयन के लिए JAP-IT द्वारा DPR तैयार किया जा रहा है।
- GSTN के साथ सिस्टम इंटीग्रेशन और अन्य विभागों के पोर्टल्स से डेटा साझा करने की योजना है।
- IRAU और STU को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा ताकि कर अपवंचना की निगरानी हो सके।
ईंधन और विमानन करों में बदलाव:
- डीजल के bulk purchase पर कर दर में कटौती से खनन और विनिर्माण क्षेत्र को लाभ होगा।
- ATF (Aviation Turbine Fuel) पर कर दर बढ़ाकर अतिरिक्त राजस्व संग्रह की संभावना जताई गई है।
निष्कर्ष:
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर की इस विस्तृत प्रेस वार्ता से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड सरकार ने वित्तीय अनुशासन और राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। वर्ष 2025-26 में सरकार का फोकस टेक्नोलॉजी, प्रणाली एकीकरण, कर अपवंचना पर निगरानी और विकास योजनाओं के लिए त्वरित फंड आवंटन पर होगा।