रांची। झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक मई से नई दरें लागू हो गई हैं, जिससे आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) ने बुधवार को बिजली टैरिफ को लेकर नया आदेश जारी किया, जो आज से प्रभावी हो गया है। हालांकि, इस बार की दरों में कुछ राहत भी है, लेकिन दो बड़े झटके भी उपभोक्ताओं को लगे हैं।

ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं पर बढ़ा भार

नई दरों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली 40 पैसे प्रति यूनिट और शहरी क्षेत्रों में 20 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो गई है। इससे अब गांवों में प्रति यूनिट बिजली दर 6.70 रुपये और शहरों में 6.85 रुपये हो गई है। ये दरें सरकारी सब्सिडी के बिना की गई गणना पर आधारित हैं।

कृषि उपभोक्ताओं को राहत

इस टैरिफ संशोधन में एक राहत यह है कि कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। किसानों को पहले की ही दर पर बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही किसी भी श्रेणी के उपभोक्ता से अब मीटर रेंट नहीं लिया जाएगा और फिक्स्ड चार्ज में भी कोई इजाफा नहीं किया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए नई दरें

राज्य में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोग ने सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए अलग से टैरिफ तय किया है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यानी ‘सोलर ऑवर’ में प्रति यूनिट दर 7.31 रुपये और नॉन-सोलर ऑवर में 8.77 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की गई है।

रूफटॉप सोलर और ग्रीन एनर्जी के लिए प्रोत्साहन

रूफटॉप सोलर सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए आयोग ने ग्रॉस मीटरिंग के लिए 4.16 रुपये और नेट मीटरिंग के लिए 3.80 रुपये प्रति किलोवाट-घंटा की दर तय की है। वहीं, हरित ऊर्जा (Green Energy) के लिए प्रस्तावित 8.375 रुपये प्रति यूनिट की जगह अब केवल 0.60 रुपये प्रति यूनिट की दर मंजूर की गई है।

क्या है पृष्ठभूमि

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने वर्ष 2025-26 के लिए करीब 40.02 प्रतिशत की टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव आयोग को सौंपा था। इस पर सुझाव, आपत्तियों और राज्य सलाहकार समिति की राय के बाद आयोग ने अंतिम आदेश जारी किया।

निष्कर्ष

बिजली दरों में यह संशोधन आम लोगों के मासिक खर्च को प्रभावित करेगा, खासकर उन उपभोक्ताओं को जो भारी खपत करते हैं। हालांकि, किसानों और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा विकल्पों को राहत और प्रोत्साहन देकर सरकार ने एक संतुलन बनाने की कोशिश की है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version