रांची/बिलासपुर/सासाराम – रेलवे विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को रांची और बिलासपुर में अचानक पहुंची सीबीआई की टीम ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया। इन पर करोड़ों के ठेके दिलवाने के बदले रिश्वत लेने और देने का गंभीर आरोप है।
इस कार्रवाई के साथ ही सीबीआई ने बिहार के सासाराम में भी एक अलग मामले में छापेमारी कर चार अन्य को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक रेलवे अधिकारी भी शामिल है। ये गिरफ्तारी रेलवे की सामग्री की चोरी और अवैध बिक्री से जुड़ी बताई जा रही है।
रांची में रिश्वत की रकम सौंपते ही CBI ने किया रंगेहाथ गिरफ़्तार
जानकारी के अनुसार, चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने एक निजी कंपनी झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को रेलवे का बड़ा ठेका दिलाने के लिए 32 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह डील 21 अप्रैल को फाइनल हुई थी। इसके तहत कंपनी के एमडी सुशील झाझरिया ने तय राशि को रांची में विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को देने की योजना बनाई।
जैसे ही झाझरिया कंपनी का कर्मचारी मनोज पाठक रांची पहुंचा और नकद राशि कुणाल को सौंपी, पहले से तैयार सीबीआई की टीम ने दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया। तलाशी में कुणाल के पास से 32 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई। इसके तुरंत बाद मुख्य अभियंता विशाल आनंद और झाझरिया कंपनी के मालिक सुशील झाझरिया को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी CBI की टीम ने मारा छापा
रांची की कार्रवाई के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी सीबीआई की टीम सक्रिय रही। इस पूरे ऑपरेशन में बिलासपुर स्थित रेलवे ऑफिस से भी कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ और अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
सासाराम में अलग मामले में छापा, रेलवे के अधिकारी समेत चार गिरफ़्तार
इधर, सीबीआई की एक और टीम ने बिहार के सासाराम के डेहरी क्षेत्र में छापेमारी कर रेलवे सामग्री की चोरी से जुड़े एक मामले का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में एक रेल अधिकारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये लोग रेलवे के गोदाम से महंगी सामग्री चुराकर निजी ठिकानों पर बेचते थे। इस ऑपरेशन में रेलवे विजिलेंस विभाग ने भी सीबीआई की मदद की।
CBI ने क्या कहा?
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इन गिरफ्तारियों के बाद अब संबंधित कंपनियों के अन्य संपर्कों और रेलवे अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि रिश्वतखोरी का यह जाल कितना फैला हुआ है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
रेलवे में लगातार आ रहे घोटालों और अनियमितताओं के बीच सीबीआई की यह कार्रवाई केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की गई है। अधिकारियों का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।