हजारीबाग में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक घटना हुई, जिसमें रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत यादव की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। प्रथम दृष्टया यह मामला जमीन विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है, जो कि झारखंड के कई हिस्सों में आम विवाद का कारण बनता रहा है। जैसे ही यह खबर फैली, जिला प्रशासन में हलचल मच गई, और हजारीबाग के SDO अशोक कुमार तुरंत अस्पताल पहुंचे। परिजनों से बातचीत के बाद यह स्पष्ट हुआ कि अपराधियों के प्रति कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है।

हत्या के बाद, परिजनों ने शव को डिस्ट्रिक्ट मोड़ के पास रखकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम कर दिया। इसके चलते यातायात प्रभावित हुआ और शहर में तनाव का माहौल बन गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और शीघ्र न्याय का आश्वासन दिया, जिसके बाद जाम हटाया गया।

मंजीत यादव का शव पोस्टमॉर्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया है। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अस्पताल परिसर में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया, जिससे माहौल शांतिपूर्ण बना रहे।

हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने इस हत्या की जांच का आश्वासन दिया है और दोषियों को शीघ्र पकड़ने का भरोसा दिया है। समाजसेवी डॉ. देवेंद्र सिंह देव ने भी शहर में बढ़ते अपराध पर रोक लगाने की मांग की, जिससे लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।

समाज पर असर और पुलिस की चुनौती
इस हत्या ने समाज में भय का माहौल पैदा कर दिया है। मंजीत यादव की हत्या के पीछे संभावित जमीन विवाद की चर्चा है, जो दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर संपत्ति संबंधी विवाद कैसे हिंसक रूप ले सकते हैं। पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि अपराधियों को जल्द पकड़ कर लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।

हजारीबाग जैसे शांत शहर में ऐसी घटनाएं समाज के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गई हैं। लोग प्रशासन से अपेक्षा कर रहे हैं कि अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि शहर में शांति और सुरक्षा बहाल हो सके।

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