रांची: झारखंड में कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डायरेक्टर देवव्रत झा का तबादला कर दिया गया है। अब उनकी तैनाती कोलकाता में की गई है। वे ईडी के रांची जोनल ऑफिस में पदस्थापित थे और कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच का नेतृत्व कर रहे थे। उनकी जगह अब राकेश कुमार को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में तैनात किया गया है।
प्रोन्नति के बाद मिली थी बड़ी जिम्मेदारी
देवव्रत झा को हाल ही में असिस्टेंट डायरेक्टर से डिप्टी डायरेक्टर के पद पर प्रोन्नति मिली थी। इसके बाद उन्हें रांची जोनल ऑफिस-1 का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने रांची में रहते हुए कई चर्चित घोटालों की जांच की, जिनमें जमीन घोटाला, शराब घोटाला, मनरेगा अनियमितता और अन्य भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामले शामिल थे।
इन मामलों की कर रहे थे जांच
देवव्रत झा झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांचों का एक महत्वपूर्ण चेहरा बन चुके थे। उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की निगरानी की थी, जिनमें शामिल हैं:
1️⃣ रांची जमीन घोटाला:
इस मामले में सरकारी और निजी भूमि के अवैध कब्जे और अवैध बिक्री से जुड़े कई प्रमुख नाम सामने आए हैं। झा की टीम ने इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग जुटाए और कई प्रभावशाली लोगों से पूछताछ की थी।
2️⃣ शराब घोटाला:
झारखंड में अवैध शराब कारोबार और सरकारी टेंडरिंग प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जांच भी ईडी की रडार पर थी। इस मामले में कई ब्यूरोक्रेट्स और व्यवसायियों पर संदेह था, जिनकी वित्तीय गतिविधियों की जांच झा की टीम कर रही थी।
3️⃣ मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं में अनियमितताएं:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) समेत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और फंड डायवर्जन के मामलों की जांच भी देवव्रत झा की देखरेख में हो रही थी। इस मामले में झारखंड के आईएएस अधिकारियों, वरिष्ठ नौकरशाहों और ठेकेदारों की संलिप्तता सामने आई थी।
क्या है तबादले के मायने?
देवव्रत झा की नई तैनाती कोलकाता में की गई है, जहां वे अब नए मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभालेंगे। हालांकि, झारखंड में चल रही जांचों पर इस तबादले का क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। झारखंड में ईडी कई मामलों में बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक चेहरों को जांच के दायरे में ला चुकी है, ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन का प्रभाव इन जांचों पर पड़ सकता है।
रांची जोनल ऑफिस में अब राकेश कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। यह देखना होगा कि वे झारखंड में चल रही भूमि घोटाला, शराब घोटाला और अन्य मामलों की जांच को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।