— एयर ट्रैवल के दौरान मरीज हुआ था बेहोश, अस्पताल में चल रहा इलाज
झारखंड में एक बार फिर कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता बढ़ गई है। राज्य की राजधानी रांची में कोरोना के एक नए वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है और विशेष निगरानी दल का गठन किया गया है।
फ्लाइट के दौरान बिगड़ी तबीयत, रांची में भर्ती
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति 22 मई को मुंबई से रांची लौट रहा था। फ्लाइट के दौरान ही उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। रांची एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उन्हें तुरंत सेंटेविटा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग की तत्काल कार्रवाई
कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि होते ही स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन कर दिया है। यह टीम संपर्क में आए लोगों की पहचान कर ट्रैकिंग और टेस्टिंग की प्रक्रिया को अंजाम दे रही है। साथ ही मरीज के ट्रैवल हिस्ट्री और संपर्क श्रृंखला को खंगाला जा रहा है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
अस्पताल में सघन निगरानी
अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि मरीज की हालत स्थिर है, लेकिन उसे विशेष निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि नए वैरिएंट की प्रकृति को देखते हुए एहतियातन पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर राज्य सरकार अलर्ट
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन और सभी चिकित्सा संस्थानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनलों पर थर्मल स्कैनिंग और रैंडम टेस्टिंग को फिर से सक्रिय करने की तैयारी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह जरूरी है कि लोग अभी भी मास्क, सैनिटाइज़र और सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही संक्रमण के मामले सीमित हों, लेकिन नए वैरिएंट की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। ऐसे में सावधानी बरतना और समय पर वैक्सीनेशन कराना बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष:
रांची में कोरोना के नए वैरिएंट के पहले मामले ने एक बार फिर स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीरता बढ़ा दी है। प्रशासन और अस्पताल सतर्क हैं, लेकिन आम लोगों की जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। समय रहते संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग की सख्ती और जनता की सतर्कता मिलकर ही कारगर साबित हो सकती है।