झारखंड में आगामी चुनावों को स्वच्छ, निष्पक्ष, और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के. रवि कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य था कि चुनाव प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों का सहयोग प्राप्त किया जाए और आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन हो। इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य मतदाताओं को निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव का अनुभव प्रदान करना है।
मॉक पोल और मतदान केंद्रों की व्यवस्था
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री रवि कुमार ने घोषणा की कि हर मतदान केंद्र पर पीठासीन पदाधिकारी सुबह 5:30 बजे से मॉक पोल प्रक्रिया शुरू करेंगे। मॉक पोल का उद्देश्य मतदान की विश्वसनीयता को बनाए रखना है ताकि मतदान की शुरुआत से पहले ही ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की जांच की जा सके। इसमें प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट्स की उपस्थिति आवश्यक होगी। अगर किसी कारण से पोलिंग एजेंट समय पर नहीं पहुंच पाते, तो 15 मिनट के इंतजार के बाद मॉक पोल प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मतदान के दौरान पीठासीन अधिकारी और पोलिंग एजेंटों को मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, मतदाताओं को भी सलाह दी गई है कि वे मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन का उपयोग न करें ताकि मत की गोपनीयता बनी रहे।
मतदान केंद्रों के 200 मीटर परिधि में प्रचार सामग्री पर प्रतिबंध
मतदान केंद्रों के 200 मीटर के परिधि के भीतर राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों के झंडे, बैनर, या प्रतीक चिन्ह प्रदर्शित करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का प्रचार नहीं किया जाएगा। यह निर्णय लिया गया है ताकि मतदान केंद्र के आसपास का वातावरण निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रहे और मतदाताओं पर किसी प्रकार का दबाव न पड़े।
राजनीतिक दलों को हिदायत दी गई है कि अपने कैंप मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी पर ही लगाएं, और इन कैंपों में किसी प्रकार के झंडे, बैनर या प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल न करें। साथ ही, कैंपों में खाने-पीने की व्यवस्था करने या अनावश्यक भीड़ इकट्ठा करने की अनुमति नहीं होगी।
आदर्श आचार संहिता का पालन
के. रवि कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से किसी प्रकार की गलत बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए। साथ ही, बिना प्रमाण या तथ्यों के आरोपों से बचने की हिदायत दी गई है। नेताओं से यह भी आग्रह किया गया है कि वे व्यक्तिगत जीवन के मुद्दों को चुनावी मंच से ना उठाएं और अपने प्रचार के दौरान सिर्फ सार्वजनिक मुद्दों पर ही ध्यान केंद्रित करें।
निष्कर्ष
चुनाव के दौरान निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा उठाए गए ये कदम सराहनीय हैं। उनके इन प्रयासों से झारखंड में आगामी चुनाव निष्पक्ष, सुरक्षित और लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न होने की उम्मीद की जा रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. नेहा अरोड़ा, ओएसडी श्रीमती गीता चौबे और सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री देव दास दत्ता सहित सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिन्होंने इस पहल का स्वागत किया और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।