जमशेदपुर
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एंटी करप्शन ब्रांच ने शनिवार को जमशेदपुर में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) के अपर आयुक्त रणविजय कुमार के सरकारी आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई एक बहु-राज्यीय फर्जी निर्यात घोटाले की जांच के सिलसिले में की गई, जिसमें अब तक लगभग 800 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है।
सुबह 8 बजे दबिश, दस्तावेज जब्त
सीबीआई की टीम ने शनिवार सुबह नॉर्दर्न टाउन, स्ट्रेट माइल रोड स्थित सरकारी क्वार्टर में एक साथ दबिश दी। करीब चार घंटे तक चली कार्रवाई में अधिकारियों ने आवास की गहन तलाशी ली और कई दस्तावेज व डिजिटल उपकरण अपने साथ ले गए। बताया जा रहा है कि टीम शुक्रवार रात को ही शहर पहुंच गई थी और शनिवार सुबह सुनियोजित ढंग से छापा मारा गया।
फर्जी निर्यात बिलों से टैक्स रिफंड की साजिश
एफआईआर में दर्ज आरोपों के मुताबिक, जब रणविजय कुमार पटना में सीमा शुल्क विभाग में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर तैनात थे, तब उन्होंने कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और निजी निर्यातक फर्मों के साथ मिलकर फर्जी निर्यात बिलों के जरिए जीएसटी रिफंड का घोटाला किया। इस गिरोह ने जानबूझकर ऐसे निर्यात बिल तैयार किए, जिनकी राशि 10 लाख रुपये से कम थी, ताकि उन्हें अधीक्षक स्तर पर ही स्वीकृति मिल जाए और उच्चस्तरीय जांच से बचा जा सके।
बिहार और झारखंड में एक साथ सात स्थानों पर रेड
इस केस में सीबीआई ने बिहार और झारखंड के कुल सात ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें पटना के दो, पूर्णिया के दो, नालंदा और मुंगेर में एक-एक स्थान, तथा जमशेदपुर का एक ठिकाना शामिल है। रेड के दौरान एजेंसी को 100-100 ग्राम की सात सोने की छड़ें, संदिग्ध दस्तावेज और कई मोबाइल डिवाइस भी मिले हैं।
कुल 34 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
सीबीआई ने इस घोटाले में रणविजय कुमार सहित सीमा शुल्क विभाग के चार अन्य अधिकारी, 23 आयातक फर्मों और अज्ञात अन्य व्यक्तियों को नामजद करते हुए कुल 34 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एजेंसी का मानना है कि यह पूरा नेटवर्क संगठित रूप से फर्जी बिलों के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा था।
निष्कर्ष:
जमशेदपुर से लेकर पटना तक फैले इस बहुस्तरीय घोटाले ने कर प्रशासन और निर्यात प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सीबीआई की जांच के बाद अब यह देखना होगा कि आरोपियों पर कब तक कानूनी शिकंजा कसा जाता है और सरकारी व्यवस्था में ऐसे भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।