रांची, 16 जनवरी 2025: झारखंड सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी के लिए आज प्रोजेक्ट भवन में एक बजट पूर्व संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता राज्य के वित्त मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर ने की, जिसमें कृषि, सिंचाई, वन एवं पर्यावरण, ग्रामीण विकास, आजीविका मिशन, पर्यटन, उद्योग, खनन, श्रम एवं कौशल विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य राज्य के हर वर्ग के नागरिकों, किसानों और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले वंचित समुदायों की खुशहाली सुनिश्चित करने हेतु सुझाव प्राप्त करना था।
वित्त मंत्री श्री किशोर ने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा बजट को “अबुआ बजट” का नाम दिए जाने की घोषणा को दोहराते हुए कहा कि इस बजट का उद्देश्य झारखंड के हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों की जरूरतों को पूरा करना है। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में प्राप्त बहुमूल्य सुझावों को बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।

सुझावों का व्यापक स्वागत
संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कृषि, वन संरक्षण, ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर दिया।
- सतही जल का संचयन और सिंचाई की सुविधा:
श्री किशोर ने झारखंड में वर्षा जल संचयन की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी। सोलर पंप और माइक्रो इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। - ग्रामीण महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं:
ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह ने बताया कि राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जेएसएलपीएस से जुड़ी महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। - कृषि और पारंपरिक खेती:
कृषि मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की ने किसानों को बहुफसली खेती के लिए प्रेरित करने और उन्हें आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कही। “बिरसा पाठशाला” कार्यक्रम को विस्तृत रूप से लागू करने की योजना बनाई गई है।
पर्यावरण और उद्योग क्षेत्र में विशेष प्रावधान
सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रशांत कुमार ने पुराने सिंचाई तंत्र को सुदृढ़ करने और जल संरक्षण पर जोर दिया। पर्यटन क्षेत्र में “एक्सपीरियंस टूरिज्म” और खनन के क्षेत्र में राजस्व वृद्धि की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।

आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए ठोस कदम
वित्त मंत्री ने बजट की मॉनिटरिंग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि योजनाओं की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में सोलर एनर्जी और छोटे जल परियोजनाओं के माध्यम से बिजली और पानी की समस्याओं का समाधान होगा।
नए सुझावों का स्वागत
विशेषज्ञों ने ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, वन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, और नेचुरल फार्मिंग पर जोर दिया। “एक जिला, एक उत्पाद” योजना को बढ़ावा देने और झारखंड के लिए 2050 का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का सुझाव दिया गया।
संगोष्ठी में सभी विभागों के अधिकारी, विशेषज्ञ और गणमान्य लोग उपस्थित थे। बजट 2025-26 में इन सुझावों को शामिल कर झारखंड को विकास के नए आयाम पर ले जाने का प्रयास किया जाएगा।