पटना में 29 दिसंबर 2024 को BPSC की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में कथित पेपर लीक और अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
पटना में रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा देने वाले छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया। गांधी मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शन में प्रशांत किशोर की मौजूदगी
प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी गांधी मैदान में पहुंचे और उनके समर्थन में बयान दिए। प्रशांत किशोर के इस कदम को कई राजनीतिक विश्लेषक उनके जन सुराज अभियान के तहत जनसंपर्क का हिस्सा मान रहे हैं।
तेजस्वी यादव का निशाना
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज अभियान पर सीधा निशाना साधा। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर की पार्टी “नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन की बी-टीम” के रूप में काम कर रही है।
तेजस्वी ने कहा:
“प्रशांत किशोर का उद्देश्य सिर्फ भ्रम फैलाना और राजनीतिक लाभ उठाना है। उनका अभियान विपक्ष को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है।”
छात्रों के गुस्से की वजह
प्रदर्शन कर रहे छात्र BPSC परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं और परीक्षा परिणाम में पारदर्शिता की कमी से नाराज थे। उनका कहना है कि सरकार युवाओं की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
प्रशांत किशोर का बयान
प्रशांत किशोर ने छात्रों के समर्थन में कहा:
“बिहार के युवा नौकरी और रोजगार के लिए सड़कों पर हैं। सरकार को उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए, न कि उन पर लाठीचार्ज करना।”
पुलिस की सफाई
पुलिस प्रशासन ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने निर्धारित मार्ग से हटकर मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने का खतरा था। इसी कारण कार्रवाई करनी पड़ी।
राजनीतिक माहौल गरमाया
यह घटना बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे चुकी है। जहां एक ओर प्रशांत किशोर अपने अभियान को सरकार के खिलाफ बता रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव ने उन पर सत्ता पक्ष के हित में काम करने का आरोप लगाया है।
निष्कर्ष
BPSC छात्रों पर लाठीचार्ज और इसके बाद तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने बिहार की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। आने वाले समय में इस मुद्दे का प्रभाव राज्य की राजनीति पर गहराई से देखा जाएगा।