झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सारा ध्यान “घुसपैठियों” पर केंद्रित किया और बड़ा वादा किया कि भाजपा सरकार बनते ही आदिवासी महिलाओं से शादी करने वाले “घुसपैठियों” को जमीन का अधिकार नहीं मिलेगा। उन्होंने इसे लेकर एक कानून लाने का ऐलान किया, जिससे आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा हो सके।
आदिवासी हितों की रक्षा का मुद्दा
सारायकेला में हुई रैली में शाह ने कहा कि कुछ लोग आदिवासी महिलाओं से शादी कर झारखंड में घुसपैठ कर रहे हैं और उनका मकसद यहाँ की ज़मीन पर अधिकार जमाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इसे रोकने के लिए कड़ा कानून लाएगी और ऐसे “घुसपैठियों” को पहचानने के लिए एक समिति गठित करेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला
शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए इसे “बांग्लादेशी घुसपैठियों के समर्थक” करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले हफ्ते झारखंड के गरवा में एक रैली के दौरान ऐसी ही टिप्पणियाँ की थीं, जहाँ उन्होंने सोरेन सरकार पर राज्य की “सामाजिक समरसता” को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाया था।
चंपई सोरेन का मुद्दा उठाया
शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व मंत्री चंपई सोरेन का भी जिक्र किया, जिनके साथ, उन्होंने कहा, अपमानजनक व्यवहार किया गया। उन्होंने इसे केवल चंपई सोरेन का नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज का अपमान बताया। इस साल अगस्त में चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हुए, जो पार्टी की आदिवासी समुदाय के साथ संबंध मजबूत करने के अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भ्रष्टाचार पर वार
अमित शाह ने हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये की नौकरियों में धांधली, 300 करोड़ रुपये की जमीन घोटाले और 1,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले का उल्लेख किया। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधते हुए हाल के वर्षों में उनके घरों से नकद राशि बरामद होने का मुद्दा उठाया।
रकम सीधे जनता तक पहुंचाने का वादा
शाह ने यह भी कहा कि अगर झारखंड में भाजपा सत्ता में आती है तो केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि को राज्य के लोगों तक पूरी पारदर्शिता के साथ पहुँचाया जाएगा। उन्होंने जनता से भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि राज्य की बेहतरी और विकास के लिए यह आवश्यक है।
झारखंड में होने वाले इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आदिवासी हितों, घुसपैठ और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर जनता से समर्थन माँगा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन मुद्दों पर भाजपा की यह आक्रामक रणनीति चुनाव में उन्हें कितना फायदा पहुँचाती है।