रांची। झारखंड में चल रहे बहुचर्चित शराब घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। ताजा घटनाक्रम में राज्य के पूर्व उत्पाद आयुक्त एवं झारखंड राज्य बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पूर्व प्रबंध निदेशक अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसीबी ने बीते कुछ दिनों से उनसे पूछताछ की प्रक्रिया जारी रखी थी, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने और गंभीर अनियमितताओं के प्रमाण मिलने के बाद यह गिरफ्तारी की गई।
जांच में क्या सामने आया?
सूत्रों के अनुसार, एसीबी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अमित प्रकाश के कार्यकाल में प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से खुदरा शराब दुकानों से होने वाली बिक्री के अनुपात में राज्य सरकार को बहुत कम राशि प्राप्त हुई। आरोप है कि उन्होंने एजेंटों के जरिए यह वसूली करवाई, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
एसीबी ने प्रारंभिक तौर पर पाया है कि उनके कार्यकाल के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई। वे दिसंबर 2024 तक JSBCL के एमडी पद पर थे। यह भी सामने आया कि उनके पास शराब विक्रेताओं से बैंक गारंटी के माध्यम से राशि वसूली का अधिकार था, लेकिन उन्होंने इसे लागू नहीं किया।
जवाब से बचते रहे अमित
13 जून को प्रारंभिक पूछताछ के बाद 17 जून को फिर से एसीबी कार्यालय बुलाए गए अमित प्रकाश पूरे दिन सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। आरोप है कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और कई सवालों से टालमटोल करते रहे। इसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया और औपचारिक गिरफ्तारी की गई।
घोटाले में अब तक की कार्रवाई
शराब घोटाले की जांच में अब तक पूर्व उत्पाद आयुक्त विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत 12 लोगों को नामजद किया गया है। इनमें से पांच पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अमित प्रकाश इस मामले में पहले अप्राथमिक अभियुक्त थे, लेकिन अब एसीबी ने उन्हें मुख्य अभियुक्त के रूप में चिह्नित किया है।
क्या है JSBCL?
झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड राज्य में शराब की खरीद, वितरण और बिक्री का कार्य देखती है। इसे राज्य सरकार के राजस्व का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है, लेकिन घोटाले के खुलासे के बाद अब इसके कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं।