अयोध्या में दीपोत्सव 2024 में दो नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए, जहां 25 लाख से अधिक दीयों को प्रज्वलित किया गया और 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ आरती की। यह आयोजन सरयू नदी के किनारे 55 घाटों पर हुआ, जिसमें राम की पैड़ी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। यह दीपोत्सव दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है और इसे पहली बार 2017 में शुरू किया गया था।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के दो नए खिताब
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधीक्षक प्रवीन पटेल ने इस अवसर पर घोषणा की कि “सबसे अधिक लोगों द्वारा एक साथ आरती करने” और “सबसे बड़े दीयों के प्रदर्शन” के दो नए रिकॉर्ड स्थापित किए गए हैं। सबसे बड़े दीयों के प्रदर्शन का पिछला रिकॉर्ड 22,23,676 दीयों का था, जो 2023 के दीपोत्सव में बनाया गया था। इस बार यह संख्या 25,12,585 पर पहुंच गई, जो 25 लाख से अधिक है।
ड्रोन के माध्यम से दीयों की गिनती
दीयों की गिनती ड्रोन के माध्यम से की गई, जिससे रिकॉर्ड को सही तरीके से प्रमाणित किया जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार, अयोध्या जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र और अन्य संगठनों का भी इस रिकॉर्ड बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए अयोध्या और पूरे राज्य को बधाई दी।
दीपों की संख्या में वर्ष दर वर्ष वृद्धि
दीपोत्सव में हर साल दीयों की संख्या में वृद्धि हो रही है। 2017 में 1.71 लाख दीयों से शुरुआत हुई, जो 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख, 2021 में 9.41 लाख, 2022 में 15.76 लाख और 2023 में 22.23 लाख तक पहुंच गई थी। इस साल 25 लाख से अधिक दीयों ने अयोध्या की धरती को आलोकित किया।
यूपी की बढ़ती शान और धार्मिक आस्था का प्रतीक
दीपोत्सव का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि राज्य की समृद्धि और गौरव को भी दर्शाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के नेतृत्व में इस भव्य आयोजन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष पहचान बनाई है। दीपोत्सव ने अयोध्या को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है और यह आयोजन हर साल अधिक भव्यता से मनाया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं।
इस दीपोत्सव ने एक बार फिर साबित किया कि अयोध्या सिर्फ धार्मिक महत्व का केंद्र नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा भी है।