झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दृष्टिगत चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता को सख्ती से लागू करने का निर्देश जारी किया है। राज्य की अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, डॉ. नेहा अरोड़ा ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता के दौरान स्पष्ट किया कि किसी भी तरह का ऐसा बयान जो किसी की भावना को आहत करता हो, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
चुनाव आयोग का रुख और सख्त निर्देश
चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को यह निर्देश जारी किया है कि वे अपने बयानों और प्रचार गतिविधियों में सतर्क रहें। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई भी बयान जो धार्मिक, जातीय या सांस्कृतिक भावनाओं को आहत करने का कारण बनेगा, उसे गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसे मामलों में न केवल प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, बल्कि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अब तक, झारखंड में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में 19 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं, जो आयोग की गंभीरता को दर्शाती है।
आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य
आदर्श चुनाव आचार संहिता का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा ऐसा कोई कार्य न हो जिससे समाज में तनाव उत्पन्न हो या किसी विशेष वर्ग की भावना आहत हो। इस संहिता के तहत उम्मीदवारों को अपने भाषणों, प्रचार सामग्री और प्रचार गतिविधियों में संयम बरतने की आवश्यकता होती है।
उल्लंघन के मामलों में सख्ती
चुनाव आयोग ने झारखंड में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले मामलों में 19 प्राथमिकी दर्ज की हैं। यह दिखाता है कि आयोग इस बार चुनाव में किसी भी तरह की अनुचित गतिविधि बर्दाश्त नहीं करेगा। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर सख्त कार्रवाई करें।
राजनीतिक दलों के लिए सख्त संदेश
चुनाव आयोग का यह कदम राजनीतिक दलों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि चुनाव में अनुशासनहीनता, भड़काऊ बयानबाजी, या व्यक्तिगत आक्षेप सहन नहीं किए जाएंगे। आयोग का मानना है कि जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए चुनाव प्रक्रिया का निष्पक्ष होना आवश्यक है, और आदर्श आचार संहिता की सख्त अनुपालन से यह सुनिश्चित किया जा सकता है।
समाज पर सकारात्मक प्रभाव
चुनाव आयोग का यह सख्त रुख समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे आम जनता में यह विश्वास पैदा होता है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। आदर्श आचार संहिता का पालन चुनाव प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को बढ़ावा देता है और मतदाताओं को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करता है।
निष्कर्ष
झारखंड में विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखी है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है। डॉ. नेहा अरोड़ा ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का भावनाओं को आहत करने वाला बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में आयोग द्वारा सख्त कार्यवाही की जाएगी।